International Youth Day 2025: बेहतर भविष्य चाहिए तो आज ही जानें युवाओं के लिए 5 बेस्ट स्किल्स
International Youth Day 2025: हर साल 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य युवाओं की भूमिका को समाज, देश और विश्व के विकास में रेखांकित करना होता है। 2025 में इस दिवस की थीम "Youth for a Sustainable Future" रखी गई है, जो युवाओं की स्थायी और सकारात्मक भागीदारी की ओर इशारा करती है।
आज के दौर में केवल डिग्री या शैक्षणिक योग्यता ही सफलता की चाभी नहीं है, बल्कि युवाओं को नई तकनीकों, बदलती जरूरतों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप अपने स्किल्स को भी विकसित करना जरूरी है। आइए जानते हैं वे 5 प्रमुख स्किल्स जो युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर सकती हैं:
International Youth Day 2025: 5 Skills For Youth
1. डिजिटल लिटरेसी और टेक्नोलॉजी स्किल्स

आज के डिजिटल युग में तकनीक की समझ बेहद जरूरी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी जैसी स्किल्स युवाओं को जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनाती हैं।
2. कम्युनिकेशन और लैंग्वेज स्किल्स

अच्छा संवाद कौशल किसी भी क्षेत्र में सफलता की नींव है। प्रभावी बोलचाल, लेखन और प्रेजेंटेशन की क्षमता के साथ-साथ अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं की जानकारी युवाओं को वैश्विक अवसरों से जोड़ सकती है।
3. क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स

हर समस्या का समाधान ढूंढने की क्षमता युवा नेतृत्व को जन्म देती है। तर्कसंगत सोच और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाता है।
4. लीडरशिप और टीमवर्क स्किल्स

किसी भी संगठन में टीम के साथ मिलकर काम करने और नेतृत्व करने की क्षमता जरूरी है। ये स्किल्स युवाओं को एक प्रभावी टीम प्लेयर और भविष्य का लीडर बना सकती हैं।
5. इमोशनल इंटेलिजेंस और टाइम मैनेजमेंट

स्वयं की भावनाओं और दूसरों के व्यवहार को समझना आज के वर्कप्लेस में बेहद जरूरी हो गया है। साथ ही समय का कुशल प्रबंधन युवाओं को व्यक्तिगत और प्रोफेशनल सफलता दोनों दिला सकता है।
क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस
स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों को युवाओं तक पहुंचाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए भारत सरकार ने 1984 में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया। यह दिन युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1999 में हुई जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
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