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कांग्रेस ने बवाना फैक्टरी हादसे की न्यायिक जांच कराने की मांग की 

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08:07 PM Jan 21, 2018 IST | Desk Team

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नयी दिल्ली : कांग्रेस ने राजधानी के बवाना फैक्टरी हादसे के पीछे कई विभागों की अनियमितता को जिम्मेदार ठहराते हुए इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराये जाने तथा इस त्रासदी में मारे गये प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को 50 लाख रूपये का मुआवजा दिलाये जाने की आज मांग की। दिल्ली के बाहरी क्षेत्र बवाना की एक पटाखा फैक्टरी में कल लगी आग के कारण 17 लोगों की जान गयी है। कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच समुचित नहीं होगी क्योंकि इसमें दिल्ली सरकार के कई विभाग शामिल हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने आज संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस का एक दल मौके पर गया जिसमें दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान पार्टी के संज्ञान में यह बात आयी कि वहां अधिकतर प्रतिष्ठानों के मुख्य द्वार को बाहर से बंद कर अंदर काम किया जाता था । इससे बाहर निकलने में बहुत कठिनाई होती थी। साथ ही वहां छुट्टी के दिन भी काम होता था।

उन्होंने कहा कि बवाना में कई जगह मजदूरों ने बताया कि उन्हें वेतन के नाम पर महज पांच हजार रूपये दिये जाते हैं। इसलिए वहां एक प्रकार से बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से समीप बवाना में 200 बेड वाला महर्षि वाल्मीकि अस्पताल है लेकिन दुख की बात ये है कि वहाँ का आईसीयू पिछले दो महीने पहले बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल का आईसीयू काम नहीं करता था। लिहाजा जिन घायल मजदूरों को वहाँ पर ले जाया गया था, उनको वहाँ से शिफ्ट कर रोहिणी भेजा गया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माकन ने कहा, ‘‘हम लोगों की मांग है कि मजिस्ट्रेट जांच काफी नहीं है। ’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के तहत डीएसआईआईडीसी है, जो बवाना औद्योगिक क्षेत्र को भी देखती है। इस मामले में पर्यावरण विभाग, स्वास्थ्य एवं श्रम विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है और वे भी दिल्ली सरकार के तहत हैं। ऐसे में मजिस्ट्रेट जांच पर्याप्त नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में दिल्ली नगर निगम की भी जवाबदेही है क्योंकि वह भी फैक्टरी चलाने के लिए अनुमति देती है। साथ ही क्षेत्र में काफी अनधिकृत निर्माण हुआ था। उन्होंने कहा कि इन बिन्दुओं की भी जांच होनी चाहिए। माकन ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मृतकों को 50 लाख रूपये का मुआवजा दिया चाहिए और बवाना अस्पताल, जो 200 बेड का अस्पताल है, में आईसीयू को अच्छी तरह के काम करना चाहिए।’’ माकन ने इस हादसे को लेकर उत्तरी दिल्ली एमसीडी की मेयर के ‘असंवेदनशील’ बयान पर हैरत जताते हुए कहा कि भाजपा को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार के असंवेनदशील बयान ऐसे मौके पर मेयर द्वारा दिए गए हैं, जो शोभा नहीं देता है। भाजपा को को कार्रवाई करते हुए उनको एकदम से हटाया जाना चाहिए।

माकन ने कहा कि शर्मिष्ठा मुखर्जी मृतकों के परिजनों एवं महिला कामगारों से मिल रही हैं। वह एक रिपोर्ट तैयार कर रही हैं जिसे हम सरकार को देंगे और बतायेंगे कि महिलाओं की कामकाज की स्थिति को ठीक किया जाए ताकि इस प्रकार के हादसे दुबारा ना हों। यह पूछे जाने पर कि आपको क्या लगता है कि दिल्ली पुलिस ने ढंग से काम नहीं किया है, माकन ने कहा, ‘‘ दिल्ली पुलिस ने ना केवल केस ठीक से नहीं पेश किया बल्कि दिल्ली पुलिस वहाँ पर जो अनधिकृत काम होता है, उसके लिए भी जिम्मेदार हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि वबाना औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टरी में बाहर से ताले लगा कर काम किया जाता है। वहां पर लूट-पाट की घटनाएं ज्यादा होती है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब स्थिति है, जिसकी वजह से फैक्टरी मालिक ताला लगा कर काम करवाते हैं। अगर ताला नहीं लगा होता तो इतनी बड़ी तादाद में नहीं लोग मारे जाते। उन्होंनें कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने ना केवल केस हल्का बनाया है, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए, जब तक न्यायिक जांच ना हो जाए, तब तक इनके मालिकों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए।’’

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