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ईरान अब आसानी से बना सकता है परमाणु बम? IAEA से सहयोग टूटने के बाद आया बड़ा अपडेट!

04:05 PM Jul 04, 2025 IST | Amit Kumar
ईरान अब आसानी से बना सकता है परमाणु बम! IAEA से सहयोग टूटने के बाद आया बड़ा अपडेट

मिडिल ईस्ट में ईरान- इजराइल के बीच छिड़ी जंग के दौरान अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) से सभी तरह का तकनीकी और निरीक्षण सहयोग रोक दिया है. इसका मतलब अब यह नहीं देखा जा सकेगा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम में क्या कर रहा है और कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांति और ऊर्जा उत्पादन के लिए है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार, उसके पास इतना संवर्धित यूरेनियम मौजूद है जो परमाणु हथियार बनाने की स्थिति के बेहद करीब है. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब ईरान केवल एक कदम दूर है और अब जब IAEA की निगरानी हटा दी गई है, तो यह जानना मुश्किल हो जाएगा कि वह यह आखिरी कदम कब उठाएगा.

सुरक्षा का हवाला देकर IAEA को रोका

ईरान का कहना है कि अमेरिका और इज़राइल के हमलों के बाद अब IAEA के निरीक्षकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती. इसी कारण उसने अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के साथ सहयोग रोक दिया है. ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने संसद में पास किए गए एक बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस बिल के मुताबिक अब IAEA से किसी भी तरह का सहयोग तभी होगा जब देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इसकी इजाजत देगी.

अमेरिका का कड़ा विरोध

अमेरिका ने ईरान के इस फैसले की तीखी आलोचना की है. वॉशिंगटन ने इसे गैरजिम्मेदाराना कदम बताया और कहा कि ईरान ने शांतिपूर्ण समाधान का एक और मौका गंवा दिया है. अमेरिका ने साफ कहा है कि वह किसी भी हालत में ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा.

अब कौन रखेगा निगरानी?

IAEA ने अब तक कोई औपचारिक बयान तो नहीं दिया है, लेकिन एजेंसी ने कहा है कि वह ईरान से आधिकारिक सूचना मिलने का इंतजार कर रही है. अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि एजेंसी के निरीक्षक किन परमाणु ठिकानों तक जा सकेंगे और किन तक नहीं.

बातचीत की राह बंद

ट्रंप प्रशासन की ओर से ईरान से बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन तेहरान ने इससे इनकार कर दिया. इस समय दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की कूटनीतिक बातचीत की संभावना नहीं बची है. जानकारों का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो ईरान जल्द ही परमाणु बम बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा सकता है.

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