इजरायल का समर्थन करने पर भड़का ईरान, कहा- G7 के नेताओं ने आक्रामकता को नजरअंदाज किया
ईरान ने जी7 नेताओं की आलोचना की
ईरान ने जी7 नेताओं की आलोचना की, जिन्होंने इजरायल की आक्रामकता को नजरअंदाज करते हुए ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता का मुख्य स्रोत बताया। ईरानी प्रवक्ता ने इजरायल द्वारा परमाणु साइटों पर गैरकानूनी हमले और नागरिकों की हत्या की निंदा की और यूएनएससी से इजरायल को रोकने की अपील की।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने इजराइल का समर्थन करने के लिए जी7 नेताओं की आलोचना की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जी7 नेताओं के संयुक्त बयान ने इजरायल की ‘खुली आक्रामकता’ को नजरअंदाज किया है, जिसमें ईरान की ‘शांतिपूर्ण परमाणु संरचनाओं’ पर गैरकानूनी हमले, रिहायशी इलाकों पर अंधाधुंध निशाना साधना और ईरानी नागरिकों की हत्या शामिल है। कनाडा के कनानास्किस में चल रहे जी7 शिखर सम्मेलन के बाद जारी बयान में नेताओं ने ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का ‘मुख्य स्रोत’ बताया। उन्होंने कहा कि ईरान को कभी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और सभी पक्षों को तनाव कम करने की दिशा में बढ़ना चाहिए, जिसमें गाजा में युद्धविराम शामिल है।
हालांकि, इस्माइल बकाई ने दावा किया कि इजरायल ने बिना उकसावे के ईरान के खिलाफ आक्रामक युद्ध शुरू किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन करते हुए उसकी परमाणु साइटों पर हमला किया, जो शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर बल प्रयोग या धमकी को रोकता है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जी7 के सदस्य देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के तीन स्थायी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य के खिलाफ इस आक्रामक कार्रवाई के लिए अपनी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
पोस्ट में आगे कहा गया, “इजरायल का ईरान पर युद्ध संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए हानिकारक है। यह परमाणु अप्रसार व्यवस्था और गैर-परमाणु राज्यों को ऐसे हमलों से कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है। बकाई के अनुसार, इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष में सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या की गई है। ईरानी सार्वजनिक और सरकारी सुविधाएं और लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को निशाना बनाया गया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इसके सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य को विफल नहीं करना चाहिए।
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उन्होंने कहा, “यूएनएससी को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और आक्रामक इजरायल को और अत्याचार करने से रोकना चाहिए। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इजरायल की आक्रामकता को तुरंत रोकना और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के लिए उसकी जवाबदेही जरूरी है। बकाई ने जी7 देशों के संयुक्त बयान को ‘एकतरफा बयानबाजी’ करार देते हुए कहा कि जी7 को अपना बयान छोड़कर वास्तविक तनाव के स्रोत को संबोधित करना चाहिए, जो ‘इजरायल की आक्रामकता’ है।