टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

इजराइली हमलों से कमजोर होता दिख रहा ईरान! अब खामेनेई पर अपनों ने ही खड़े कर दिए सवाल

इजराइली हमलों से कमजोर होता दिख रहा ईरान!

09:11 AM Jun 17, 2025 IST | Amit Kumar

इजराइली हमलों से कमजोर होता दिख रहा ईरान!

बीते कुछ दिनों में इजराइल की ओर से किए गए हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई अहम चेहरे मारे गए हैं. इनमें सीनियर सलाहकार हुसैन सलामी, एयरोस्पेस यूनिट के प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल हैं.

Israel-Iran War: इजराइल के ताबड़तोड़ और घातक हमलों ने ईरान को रणनीतिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर झकझोर दिया है. इन हमलों के चलते ईरान के कई उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारी मारे जा चुके हैं, जिससे देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की स्थिति कमजोर होती दिखाई दे रही है. खुफिया सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि खामेनेई अब न केवल मानसिक रूप से दबाव में हैं, बल्कि उन्हें फैसले लेने की प्रक्रिया से भी धीरे-धीरे अलग किया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते कुछ दिनों में इजराइल की ओर से किए गए हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई अहम चेहरे मारे गए हैं. इनमें सीनियर सलाहकार हुसैन सलामी, एयरोस्पेस यूनिट के प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी जैसे महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल हैं. ये सभी लोग खामेनेई के विश्वस्त सर्कल का हिस्सा थे और बड़े फैसलों में उनकी भूमिका अहम रही है. इनकी मौत से खामेनेई के आस-पास का सलाहकार मंडल लगभग खाली हो गया है.

अंदरूनी हलकों में बढ़ता असंतोष

इस दौरान सार्वजनिक रूप से कोई आलोचना नहीं हो रही है, लेकिन ईरानी सत्ता के अंदरूनी हलकों में खामेनेई की निर्णय क्षमता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. मीडिया को नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि खामेनेई अब उतने सक्षम नहीं रह गए हैं जितने वे पहले हुआ करते थे.

कुछ रिपोर्टों का तो यह भी कहना है कि उनके फैसलों में गलती की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि अब उनके पास वैसा मजबूत और अनुभवी सलाहकार तंत्र नहीं रह गया है.

भूमिगत बंकर में शरण

ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई को अब अत्यधिक सुरक्षा में भूमिगत बंकर में रखा गया है. लगातार हो रही हत्याओं और सैन्य क्षति से उनका मानसिक संतुलन प्रभावित हुआ है. ऐसे में, उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया से दूर रखा गया है ताकि कोई गलत फैसला देश को और संकट में न डाल दे.

Advertisement

इजराइली हमले से डरा ईरान! अपने आधिकारियों के लिए जारी कर दिया ये नया फरमान

क्रांति से कमान तक, लेकिन अब अकेले

खामेनेई, जो 1979 की इस्लामिक क्रांति से लेकर अब तक देश की इस्लामी शासन व्यवस्था के प्रतीक रहे हैं, आज पहले की तुलना में अधिक अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं. उनके सलाहकारों की मौत ने न केवल एक खालीपन पैदा किया है, बल्कि उनके नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

Advertisement
Next Article