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Irfan Pathan का वर्कलोड पर तीखा तंज, बुमराह की गैरमौजूदगी पर उठाए सवाल

10:16 AM Aug 16, 2025 IST | Anjali Maikhuri
Irfan Pathan

Irfan Pathan बोले – मैदान में उतरने के बाद सिर्फ जीत का सोचो

 

Irfan Pathan: इंडिया और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ हाल ही में खत्म हुई, जो 2-2 की बराबरी पर छूटी। इस सीरीज़ के दौरान एक नाम जो लगातार चर्चा में बना रहा, वह था टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह। पूरे दौरे से पहले ही तय कर लिया गया था कि बुमराह केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। लेकिन जब टीम चौथे टेस्ट के बाद 1-2 से पीछे थी और आखिरी मुकाबला ओवल में होना था, तो कई लोगों ने बुमराह को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की मांग की।

हालांकि बुमराह ने फाइनल टेस्ट नहीं खेला, और उनकी गैरमौजूदगी में मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टीम को जीत दिलाई। सिराज ने दूसरी पारी में 5 विकेट लिए जबकि प्रसिद्ध ने 4 विकेट चटकाए। भारत ने वो मैच 6 रन से जीतकर सीरीज़ बराबर की।

दिलचस्प बात यह रही कि इंग्लैंड दौरे पर भारत ने जिन दो मैचों में बुमराह को आराम दिया, उन दोनों में टीम ने जीत हासिल की। इसी वर्कलोड मैनेजमेंट पर अब टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने बुमराह का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों का इशारा वर्कलोड से जुड़ी सोच की तरफ था।

इरफान पठान ने माना कि तेज़ गेंदबाज़ी आसान नहीं होती और इसमें शरीर पर ज़ोर पड़ता है। लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मैदान पर उतरने के बाद खिलाड़ी को अपनी पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए।

"I believe that technology and recovery should go hand in hand. You should also listen to your body. But once you step onto the field, workload shouldn't be a consideration anymore. Then it's just a battle. One team against another. You have to win. It's a battle, and your only focus should be on winning by any means," Pathan said during a chat on Lallantop.

इरफान ने यह भी कहा कि मैदान पर उतरने के बाद खिलाड़ी को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे कितने ओवर डालने हैं या कितना कम मेहनत करनी है।

"Recovery and field technology are fine. But once you step in, you're wearing the Indian jersey. After that, don't look back. You can't say, 'I'll just bowl four overs' or 'I'll bowl three overs'. People don't just say this, they do it. That's how it works these days," he added.

उन्होंने आगे यह साफ किया कि उनकी ये बातें किसी एक खिलाड़ी के लिए नहीं थीं, बल्कि सभी खिलाड़ियों पर लागू होती हैं। उन्होंने मोहम्मद सिराज का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने पूरी सीरीज़ में दिल खोलकर गेंदबाज़ी की।

 

Irfan Pathan: सिराज की तारीफ, पर वर्कलोड पर इशारा बुमराह की ओर

"I'm talking about everyone, not just one player. Everyone. Siraj, on the last day of the last Test, was bowling at 145 km/h. He has a workload too, right? This applies to everyone. But once you step in, you give it your all," Pathan highlighted.

सिराज ने पूरी सीरीज़ में कुल 109 ओवर डाले, जो उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता को दिखाता है। दूसरी तरफ, बुमराह ने इस सीरीज़ में 86.4 ओवर फेंके, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने सिर्फ दो मैचों में 62 ओवर और आकाशदीप ने 72.1 ओवर फेंके।

वर्कलोड मैनेजमेंट क्रिकेट का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए, क्योंकि उनकी बॉडी पर ज्यादा असर पड़ता है। लेकिन इरफान पठान की राय में जब कोई खिलाड़ी टीम इंडिया की जर्सी पहनता है, तो उसे अपनी पूरी ताकत से खेलना चाहिए। आराम और रिकवरी का ध्यान रखना ज़रूरी है, लेकिन मैच के दौरान पूरी जान लगाना ही असली प्रोफेशनलिज़्म है।

आज के समय में जहां फिटनेस और आंकड़ों का बहुत महत्व है, वहां इरफान की ये बात ध्यान दिलाती है कि आखिरकार क्रिकेट एक मुकाबला है — और उसमें जीतने के लिए पूरी मेहनत ज़रूरी है।

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