Jaipur Bomb Blast: राजस्थान HC का फैसला, चार आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा
17 साल पुराने जयपुर बम धमाके में चार दोषियों को सजा
राजस्थान हाई कोर्ट ने जयपुर बम धमाका मामले में चार आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम विस्फोटों के बाद रामचंद्र मंदिर के पास जिंदा बम मिला था। कोर्ट ने आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि और आतंकी साजिश के तहत दोषी ठहराया है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार को चार आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला जयपुर के चांदपोल इलाके में रामचंद्र मंदिर के पास मिले एक जिंदा बम से जुड़ा है। जिसे 13 मई 2008 को हुए सारियल बम विस्फोटों के बाद बरामद किया गया था। हाई कोर्ट ने चारों आरोपियों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सरवर, आजमी, मोहम्मद सैफ और मोहममद सफी उर हमान पर गैरकानूनी गतिविधि, अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होना) और धारा 18 (आतंकी साजिश) के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
चारों आरोपियों को दोषी करार दिया
चार दिन पहले, गत 4 अप्रैल को सीरियल ब्लास्ट मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने इन चारों आरोपियों को दोषी करार दिया था। मंगलवार को सजा पर बहस के बाद हाई कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा पर बहस के दौरान सरकारी वकील और विशेष लोक अभियोजक (पीपी) सागर ने कहा, आरोपियों ने समाज में भय फैलाने की नीयत से गंभीर अपराध किया है। इन पर कोई रहम नहीं किया जाना चाहए।
चांदपोल बाजार में जिंदा बम मिला था
बता दें 13 मई 2008 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में 8 बम धमाकों के बाद आतंकियों ने नौंवा बम धमाके की भी योजना बना रखी थी। यह चांदपोल बाजार में जिंदा मिला था। अगर यह धमाका भी हो जाता तो इस धमाके से कई लोगों की मौत हो जाती लेकिन बम धमाके से 15 मिनट पहले ही डिफ्यूज कर दिया था। बता दे कि आरोपी के पक्ष में वकील ने बचाव करते हुए कहा था कि आरोपी 15 वर्ष से जेल की सजा काट रहा है और 8 मामलों में बरी भी हो चुका है लेकिन कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारीज कर दिया और आरोपी को कठोर सजा सुनाई है।