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जम्मू-कश्मीर : LOC पर सेना को मिली बड़ी कामयाबी, लश्कर का 'फिदायीन' आतंकी तबारक पकड़ा गया

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक घुसपैठिए आतंकवादी को पकड़ा गया, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने ‘फिदायीन’ (आत्मघाती हमलावर) के रूप में भेजा था।

11:38 AM Aug 22, 2022 IST | Desk Team

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक घुसपैठिए आतंकवादी को पकड़ा गया, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने ‘फिदायीन’ (आत्मघाती हमलावर) के रूप में भेजा था।

 जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक घुसपैठिए आतंकवादी को पकड़ा गया, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने ‘फिदायीन’ (आत्मघाती हमलावर) के रूप में भेजा था। नौशेरा सेक्टर के सहर मकरी क्षेत्र में रविवार को सेना के जवानों को किसी घुसपैठिये की संदिग्ध गतिविधि नजर आई। जब वह वहां पहुंचे, तो आतंकवादी एलओसी के पाकिस्तानी हिस्से की ओर वापस भागने लगा।
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इस पर सैनिकों ने घुसपैठिये पर गोली चला दी, जिसमें वह घायल हो गया। जवानों ने उसे स्थानीय सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे राजौरी स्थित सेना के अस्पताल में भेज दिया गया है। आतंकवादी की पहचान तबारक हुसैन के रूप में हुई है। पुलिस की पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि उसे एलओसी पर सेना के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए लश्कर के आत्मघाती दस्ते के हिस्से के रूप में भेजा गया था। 
पुलिस ने भी दिया बड़ा बयान 
वही, यह दूसरी बार है जब उसने एलओसी पार किया है। उसने पूछताछ में बताया कि उसे और उसके भाई हारून अली को अप्रैल 2016 में नौशेरा सेक्टर में ही घुसपैठ पर गिरफ्तार किया गया था। 26 महीने जेल में रहने के बाद उनको वाघा-अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान को लौटाया गया था। उसने खुलासा किया कि वह आईएसआई के साथ लगभग 2 सालों तक जुड़ा रहा।
पुलिस ने कहा, ‘इस अवधि के दौरान उन्हें दुश्मन की जानकारी हासिल करने और कभी भी पकड़े जाने की स्थिति में बचने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। उसने भीमबेर में एलओसी के पास लश्कर के प्रशिक्षण शिविर में छह हफ्ते की ट्रेनिंग ली थी।’
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