जम्मू-कश्मीरः नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन कर सरकार बना सकती है कांग्रेस, सात से दस सीटों पर कुछ कठिनाई
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर चुनावों को लेकर अलर्ट हैं और इस बार लट्ठ गाड़ने की तैयारी में हैं। आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस ने नए सिरे से चुनाव की तैयारी करना शुरू कर दिया है। पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन की संभावना तलाश रही है।
05:59 AM Sep 01, 2022 IST | Desk Team
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर चुनावों को लेकर अलर्ट हैं और इस बार लट्ठ गाड़ने की तैयारी में हैं। आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस ने नए सिरे से चुनाव की तैयारी करना शुरू कर दिया है। पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन की संभावना तलाश रही है। पार्टी का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला कुछ और दिनों तक जारी रह सकता है। लेकिन इससे पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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लम्बे समय से पार्टी छोड़ने की तैयारी में थे आजाद
जम्मू-कश्मीर से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नए प्रदेश अध्यक्ष विकास रसूल का नाम गुलाम नबी आजाद ने सुझाया था। ऐसे में नए अध्यक्ष और समितियों से उनकी नाराजगी बेमानी है। उनकी राय के बाद सभी समितियों का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आजाद लंबे समय से पार्टी छोड़ने का बहाना ढूंढ रहे थे। पार्टी नेता ने यह भी दावा किया कि आजाद के समर्थक पिछले तीन साल से कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। क्योंकि, वह प्रदेश अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद मीर को हटाने की मांग कर रहे थे।
सात से दस सीटों पर कुछ कठिनाई
यह पूछे जाने पर कि क्या आजाद अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं, तो पार्टी को कितनी सीटों पर मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है, उन्होंने कहा कि डोडा जिले और घाटी में सात से दस सीटों पर कुछ कठिनाई हो सकती है। क्योंकि कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की स्थिति मजबूत है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकती। इसलिए कोई भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सहयोगी हो सकता है।
पार्टी ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में नए प्रदेश अध्यक्ष और अन्य समितियों के गठन को लेकर आजाद से लगातार संपर्क था। लेकिन, जब उन्होंने चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, तो सब कुछ स्वीकार करने के बावजूद, पार्टी ने उसके बाद कोई संपर्क नहीं किया। उन्हें मनाने की कोई कोशिश नहीं की गई। हालांकि जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा की तो प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने उनसे एसएमएस के जरिए मिलने का समय मांगा, जिसके जवाब में आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया।
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