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Jammu & Kashmir : आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल शुरू किया है। अब आतंकियों और उनके मददगारों पर नजर रखने में पुलिस को मदद मिलेगी। बता दें कि लश्कर- ए- तैयबा के लिए काम करने वाला मुदस्सिर फैयाज को पुलिस ने शनिवार को जीपीएस ट्रैकर लगाने के बाद रिहा किया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मुदस्सर फैयाज को वर्ष 2022 में पकड़ा गया था। उसके पास से हथियार व अन्य साजो सामान मिला था।
Highlight :
आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल शुरू किया है। अब इस डिवाइस से पुलिस आतंकियों और उनके मददगारों पर नजर रखेगी। जमानत पर छूटे आतंकियों के मददगार मुदस्सिर फैयाज को जीपीएस ट्रैकर लगाने के बाद रिहा किया। मुदस्सिर फैयाज लश्कर-ए-तैयबा और उसके हिट स्क्वॉड कहे जाने वाले द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ के आतंकियों के लिए काम करता था। उसने श्रीनगर,बडगाम और पुलवामा में कई आतंकी वारदातों में शामिल आतंकियों को मदद की थी।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने जमानत पर छूटने वाले आतंकियों, आतंकियो के मददगारों और अवैध नशीले पदार्थों के कारोबारियों की निगरानी के लिए उन्हें जीपीएस ट्रैकर लगाने की व्यवस्था शुरु की है। ऐसा करने वाली जम्मू कश्मीर पुलिस देश का पहला पुलिस संगठन है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मुदस्सर फैयाज को वर्ष 2022 में पकड़ा गया था। उसके पास से हथियार व अन्य साजो सामान मिला था।
मुदस्सिर फैयाज के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत चाडूरा पुलिस स्टेशन में विभिन्न मामले दर्ज हैं। उसने अपनी जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने उसकी याचिका को स्वीकार कर लिया और उसे जीपीएस ट्रैकर लगाने की शर्त के साथ जमानत दी। प्रवक्ता ने बताया कि मुदस्सर फैयाज की एक टांग में जीपीएस ट्रैकर लगाया गया है। इस ट्रैकर की मदद से पुलिस को पता चलता रहेगा कि वह कहां आजा रहा है। अगर वह संबधित थाना क्षेत्र या अपने शहर से बाहर जाएगा तो पुलिस को उसी समय उसकी सही स्थिति का पता चलेगा।