Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

झारखंड में किसानों का 290 करोड़ बकाया, आंदोलन की चेतावनी

किसानों का धैर्य टूटा, भूख हड़ताल की चेतावनी

04:18 AM May 22, 2025 IST | IANS

किसानों का धैर्य टूटा, भूख हड़ताल की चेतावनी

झारखंड के 25 हजार से ज्यादा किसान सरकार से 290 करोड़ रुपये की बकाया राशि की मांग कर रहे हैं। धान बेचने के कई महीनों बाद भी उन्हें भुगतान नहीं मिला। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर पंद्रह दिनों में राशि का भुगतान नहीं हुआ, तो वे राजभवन के समक्ष भूख हड़ताल करेंगे।

झारखंड के 25 हजार से ज्यादा किसानों के चेहरे पर मायूसी है। ये वो किसान हैं, जिन्होंने सरकारी पैक्स में पांच से छह महीने पहले धान बेचा लेकिन उन्हें इसके एवज में बकाया राशि का अब तक भुगतान नहीं हुआ है। सरकार के पास किसानों के करीब 290 करोड़ रुपए बकाया हैं। करीब पांच हजार किसान ऐसे हैं, जिन्हें अब तक बेची गई फसल के बदले एक रुपए का भी भुगतान नहीं मिला है। किसानों के एक बड़े समूह ने पंद्रह दिनों में राशि का भुगतान न होने पर रांची में राजभवन के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। राज्य के सभी जिलों में ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है, जिन्हें धान बेचने के बाद पहली किस्त के रूप में 50 फीसदी राशि का भुगतान हुआ, लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त की राशि अब भी बकाया है। सरकारी स्तर पर धान खरीद के जो नियम तय किए गए हैं, उसके अनुसार 72 घंटे के अंदर पहली किस्त के रूप में बेचे गए अनाज की आधी रकम का भुगतान कर दिया जाना है। दूसरी किस्त का भुगतान एक सप्ताह के अंदर करने का नियम है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

झारखंड: शराब घोटाले में एसीबी ने तीन अधिकारियों को किया गिरफ्तार

इस वर्ष राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों में बनाए गए सरकारी क्रय केंद्रों पर 30 अप्रैल तक धान की खरीदारी की गई। सरकार ने पूरे राज्य में 60 लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य तय किया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा पूरी होने के बाद लक्ष्य के विरुद्ध 69 फीसदी खरीदारी हुई। इस वर्ष किसानों को प्रति क्विंटल धान पर बोनस सहित 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाना है। साढ़े चार माह के दौरान सरकार ने 58,860 किसानों से 40.08 लाख क्विंटल धान की खरीदारी की है। इसके एवज में किसानों को कुल 962.10 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन अब तक लगभग 670 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है।

किसान यह सोचकर चिंतित हैं कि मानसून दस्तक देने वाला है और अभी भी पैसे नहीं मिले तो वे इस साल फसल के लिए जुताई, कोड़ाई, बीज-खाद आदि का इंतजाम कैसे करेंगे। झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने किसानों को धान की बकाया राशि का भुगतान न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी बेची गई फसल की कीमत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सरकार ने प्रति क्विंटल 3100 रुपये में धान खरीदने का वादा किया था, लेकिन अब वह भी जुमला साबित हुआ है। हेमंत सरकार ने अन्नदाताओं के साथ धोखा किया है।

Advertisement
Advertisement
Next Article