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'3 साल में बदल जाएगी न्याय व्यवस्था...', नए ऑपराधिक कानूनों के 1 साल पूरे होने पर बोले Amit Shah

09:08 PM Jul 01, 2025 IST | Amit Kumar
 3 साल में बदल जाएगी न्याय व्यवस्था      नए ऑपराधिक कानूनों के 1 साल पूरे होने पर बोले amit shah
Amit Shah

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह से लागू करने में अधिकतम तीन साल लगेंगे. उन्होंने सभी देशवासियों को भरोसा दिलाया कि तीन साल के अंदर ये कानून देशभर में न्याय व्यवस्था को पूरी तरह बदल देंगे. इसके बाद देश के किसी भी हिस्से में एफआईआर दर्ज कराएं, तो तीन साल के अंदर न्याय मिल जाएगा. यह सरकार की प्राथमिकता होगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह ने यह बात दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कही, जहां तीन नए आपराधिक कानूनों के एक साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा था. उन्होंने बताया कि ये तीन कानून भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से नया स्वरूप देंगे. हमारी पुरानी न्याय व्यवस्था में सबसे बड़ी समस्या न्याय मिलने में हो रही देरी थी. नए कानूनों के लागू होने से न्याय पाने की प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी होगी.

नए कानून कब और कैसे लागू हुए?

संसद ने दिसंबर 2023 में तीन महत्वपूर्ण आपराधिक कानून पास किए थे, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम. इन्हें 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू कर दिया गया. इन नए कानूनों ने पुराने भारतीय दंड संहिता, न्याय संहिता और सीआरपीसी को बदल दिया है.

पुराने कानूनों में क्या थी कमी?

पहले के कानून देश की सामाजिक और सांस्कृतिक जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त नहीं थे. सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि न्याय मिलने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं थी. इसके कारण मुकदमे कई सालों तक चल जाते थे, जिससे आम नागरिकों को न्याय मिलने में बहुत देर हो जाती थी. साथ ही, पुराने कानून डिजिटल तकनीक और आधुनिक तरीकों को ध्यान में नहीं रखते थे.

नए कानूनों में क्या बदलाव हुए?

नए कानून समयबद्ध न्याय देने पर जोर देते हैं. अब FIR दर्ज करने से लेकर चार्जशीट दाखिल करने, सुनवाई करने और फैसला सुनाने तक हर कदम की एक निश्चित समय सीमा तय कर दी गई है. इससे मुकदमे जल्दी निपटेंगे और पीड़ितों को जल्दी न्याय मिलेगा.

इसके अलावा, नए कानून डिजिटल साक्ष्यों को मान्यता देते हैं. अब वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन शिकायत और अन्य डिजिटल माध्यमों का भी इस्तेमाल न्याय प्रक्रिया में होगा. इससे केसों की जांच और सुनवाई में पारदर्शिता बढ़ेगी और समय भी बचेगा.

तेज और न्यायसंगत व्यवस्था

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार का मकसद न्याय प्रणाली को हर नागरिक के लिए सरल, तेज और भरोसेमंद बनाना है. उन्होंने आश्वासन दिया कि नए कानूनों को लागू करने में जितनी भी चुनौतियां होंगी, उन्हें जल्द दूर किया जाएगा ताकि हर व्यक्ति को न्याय दिलाया जा सके.

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