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साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण, जानें अब kab hai Surya Grahan?

03:35 PM Jul 26, 2025 IST | Amit Kumar
Surya Grahan

kab hai Surya Grahan: इस साल यानी 2025 में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगा था। यह एक आंशिक Surya Grahan था जिसमें चंद्रमा ने सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढका था। वहीं दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह तक चलेगा। इस ग्रहण की शुरुआत, रात 11 बजे होगी और सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर ये खत्म होगा. यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।

Surya Grahan क्या होता है?

Surya Grahan की बात करें तो, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है, तो इसे Surya Grahan कहा जाता है। यह घटना तभी होती है जब तीनों खगोलीय पिंड (सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी) एक सीध में आ जाते हैं। सूर्य ग्रहण एक खास खगोलीय घटना है जो न केवल वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय होती है, बल्कि कई संस्कृतियों में इसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी होता है।

इस दौरान वैज्ञानिक सूर्य के बाहरी हिस्से यानी कोरोना का अध्ययन कर पाते हैं और भौतिकी के कई सिद्धांतों को परखने का मौका मिलता है। वहीं, परंपराओं में इसे परिवर्तन और ऊर्जा के संकेत के रूप में देखा जाता है।

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Surya Grahan के प्रकार

क्या यह Surya Grahan भारत में दिखाई देगा?

21-22 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

Surya Grahan देखने के लिए जरूरी सावधानियां

Surya Grahan को बिना सुरक्षा उपायों के देखना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।

हमेशा Surya Grahan चश्मा (eclipse glasses) का उपयोग करें।

पिनहोल प्रोजेक्टर से भी सूर्य को देखा जा सकता है।

कभी भी नंगी आंखों से सूर्य को न देखें, खासकर आंशिक या वलयाकार ग्रहण के दौरान।

यह भी पढ़ें-Hariyali Teej Kyu Manayi Jati hai? जानें इसका महत्व और इस दिन क्या-क्या करें

Hariyali Teej Kyu Manayi Jati hai: हरियाली तीज (Hariyali Teej) हिन्दू धर्म का एक पावन और विशेष त्योहार है, जो महिलाओं द्वारा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की खुशी में मनाई जाती है। यह सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष (Hariyali Teej) हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी। “हरियाली” शब्द वर्षा ऋतु की ताजगी और प्रकृति की हरियाली को दर्शाता है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों-राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

हरियाली तीज का धार्मिक महत्व (Hariyali Teej ka mahatva kya hai)

हरियाली तीज (Hariyali Teej) का सबसे बड़ा धार्मिक महत्व भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है। मान्यता है कि माता पार्वती ने कई जन्मों तक कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। हरियाली तीज का दिन उनके पुनर्मिलन का प्रतीक माना जाता है। (Hariyali Teej) इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा कर अपने पति के दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। (Hariyali Teej Kyu Manayi Jati hai) यह पर्व सुखी दांपत्य जीवन, नारी की आस्था, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। साथ ही, यह सावन की हरियाली और वर्षा ऋतु की सुंदरता का भी उत्सव है।

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