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Kamakhya Mata Mandir: यहां होती है योनि की पूजा, प्रसाद में मिलता है मासिक धर्म का खून, जाने मंदिर से जुड़े कुछ अनसुने रहस्य

03:26 PM Sep 25, 2025 IST | Kajal Yadav
kamakhya mata mandir  यहां होती है योनि की पूजा  प्रसाद में मिलता है मासिक धर्म का खून  जाने मंदिर से जुड़े कुछ अनसुने रहस्य
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Kamakhya mata mandir: कामाख्या शक्तिपीठ बहुत ही प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिर है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक देवी का मंदिर है, जिसे अघोरियों और तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है। यह मंदिर असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर दूर पर स्थित है। यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से 10 किलोमीटर की दूरी पर है इस मंदिर की काफी मान्यता है। बताया जाता है कि यह Kamakhya Devi मंदिर हजारों साल पुराना है। आपने देखा होगा कि जब आप किसी मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं, तो वहां आपको किसी न किसी देवी-देवता की मूर्ति दिखाई देती है।

जब आप इस मंदिर में जाएंगे तो यहां आपको देवी दुर्गा या मां अम्बे की कोई मूर्ति या चित्र नहीं दिखाई देगा, बल्कि मंदिर में फूलों से ढका एक कुंड बना दिखाई देगा। इस कुंड से हमेशा जल निकलता रहता है। अगर आप भी जान जाएंगे की इस मंदिर में किसकी पूजा होती है तो आप भी हैरान रह जाएंगे। चमत्कारों से भरे इस मंदिर में किसी देवी-देवता नहीं बल्कि एक देवी की योनि की पूजा की जाती है। ये सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये एक सच्चाई है आइए जानते हैं इस मंदिर का पूरा रहस्य क्या है।

Kamakhya Devi Temple Significance

जाने इस मंदिर का रहस्य

Kamakhya mata mandir

मंदिर के धर्म पुराणों के अनुसार माना जाता है कि इस मंदिर का नाम कामाख्या Kamakhya Devi Temple शक्तिपीठ इसलिए पड़ा, क्योंकि इस जगह भगवान शिव का मां सती के प्रति मोह भंग करने के लिए विष्णु भगवान ने अपने चक्र से माता सती के 51 टुकड़े किए थे। जहां-जहां उनके शरीर का अंग गिरा था वहां पर माता का एक शक्तिपीठ बन गया। बताया जाता है कि यहां जगह माता की योनि गिरी थी, इसलिए इस मंदिर का नाम कामाख्या शक्तिशाली पीठ पड़ा।

यहां सालभर भक्तों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन दुर्गा पूजा, पोहान बिया, दुर्गादेऊल, वसंती पूजा, मदानदेऊल, अम्बुवासी और मनासा पूजा पर इस मंदिर का अलग ही महत्व है। इस समय यहां भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ होती है और लोग लाखों की संख्या में यहां पहुचतें है।

हर साल यहां एक मेला लगता है। मेले के दौरान पास में स्थित ब्रह्मपुत्र का पानी तीन दिन के लिए लाल हो जाता है। पानी का यह लाल रंग Kamakhya Devi के मासिक धर्म के कारण होता है। फिर तीन दिन बाद दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। आपको ये बात सुनकर काफी हैरानी होगी कि इस मंदिर में ऐसा अजीबो गरीब प्रसाद क्यों दिया जाता है।

क्या आपको पता है कि कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद के रूप में लाल रंग का गीला कपड़ा दिया जाता है। कहा जाता है कि जब देवी मां को तीन दिन मासिक चक्र होता है, तो सफेद रंग का कपड़ा मंदिर के अंदर बिछा दिया जाता है। तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के मासिक चक्र के दौरान निकल रहे खून से रंगा और भीगा होता है। इस कपड़े को अम्बुवाची वस्त्र कहते है। यहां इस कपड़े को ही भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

Kamakhya Devi Temple Rituals

इस मंदिर में होता है सबसे ज्यादा जादू-टोना

Kamakhya mata mandir

  1. लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के यहां कन्या पूजन व भंडारा कराते हैं। इसके साथ ही यहां पशुओं की बलि भी दी जाती हैं। लेकिन यहां किसी भी मादा जानवर की बलि नहीं दी जाती है।
  2. कामाख्या माता तांत्रिकों की सबसे महत्वपूर्ण देवी है। Kamakhya Devi की पूजा भगवान शिव के नववधू के रूप में की जाती है, जो कि मुक्ति को स्वीकार करती है और अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं।
  3. इस मंदिर में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। यहां उनकी हर मुराद ज़रूर पूरी होती है। इस मंदिर के साथ लगी एक मां की मूर्ति मिलेगी जिसे कामादेव मंदिर कहा जाता है।
  4. कामाख्या के तांत्रिक और साधु चमत्कार करने में सक्षम होते हैं हालांकि वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल काफी सोच-विचार कर करते हैं। कामाख्या की तीर्थयात्रा पर कई लोग विवाह, बच्चे, धन और दूसरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए जाते हैं।
  5. यह मंदिर तीन हिस्सों में बना हुआ है। पहला हिस्सा सबसे बड़ा है इस हिस्से में हर व्यक्ति को नहीं जाने दिया जाता है। वहीं दूसरे हिस्से में माता के दर्शन होते हैं जहां एक पत्थर से हर वक्त पानी निकलता रहता है। महीने के तीन दिन माता को मासिक चक्र होता है। इन तीन दिनों तक मंदिर के पट बंद रहते हैं। फिर तीन दिन बाद दोबारा बड़े ही धूमधाम से मंदिर के पट खोले जाते है।
  6. अगर कोई व्यक्ति काला जादू से पीड़ित है, तो वो यहां आकर अपनी समस्या से निजात पा सकता है। इस जगह को तंत्र साधना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां पर आपको साधु और अघोरियों सबसे ज्यादा मिलेंगे।

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Kajal Yadav

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