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जीसैट-6A उपग्रह लॉन्च की उल्टी गिनती सामान्य रूप से जारी

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01:16 PM Mar 29, 2018 IST | Desk Team

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जीसैट 6a उपग्रह लॉन्च की उल्टी गिनती सामान्य रूप से जारी
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भारत के संचार उपग्रह जीसैट-6 ए को ले जा रहे जीएसएलवी रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती गुरुवार को सामान्य रूप से जारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, प्रणाली की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उल्टी गिनती बुधवार दोपहर 1.56 बजे शुरू हुई थी। इस दौरान रॉकेट में ईंधन भरा गया और इसकी प्रणालियों की जांच की गई। 415.6 टन वजनी व 49.1 मीटर लंबे जीएसएलवी रॉकेट के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से शाम 4.56 बजे लॉन्च होने की योजना है।

रॉकेट लॉन्च के करीब 17 मिनट बाद जीसैट-6ए उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। इसरो के मुताबिक, रॉकेट के दूसरे चरण में इस बार दो सुधार किए गए हैं जिसमें उच्च गति के विकास इंजन और इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएशन सिस्टम (विद्युत प्रसंस्करण प्रणाली) शामिल है। इसरो ने कहा कि जीसैट-6ए उपग्रह जीसैट-6 उपग्रह के समान हैं। इसरो द्वारा लॉन्च किया जा रहा यह सैटेलाइट एक हाई पावर एस-बैंड संचार उपग्रह है, जो अपनी कैटेगरी में दूसरा है।

भारत इससे पहले जीसैट-6 लॉन्‍च कर चुका है। आज लॉन्च होने वाला यह नया उपग्रह, अगस्‍त 2015 से धरती की कक्षा में चक्‍कर लगा रहे GSAT-6 को सपोर्ट देने के लिए भेजा जा रहा है। इस नए सैटेलाइट में ज्‍यादा ताकतवर कम्‍यूनीकेशन पैनल्‍स और डिवाससेस लगाई गई हैं। इस सैटेलाइट में लगा 6 मीटर का कॉम्‍पैक्‍ट एंटीना धरती पर कहीं से भी सैटेलाइट कॉलिंग को आसान बना देगा।

इस सैटेलाइट के लॉन्च कर सरकार चाहती है कि देश में छोटे ग्राउंड स्‍टेशन और हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरणों से कॉलिंग करने की सुविधा का विकास किया जा सके। जीसैट-6ए सैटेलाइट किसी सामान्‍य संचार उपग्रह से बहुत खास है। आसान शब्‍दों में कहें तो जीसैट-6ए भारत में सैटेलाइट आधारित मोबाइल कॉलिंग और कम्‍यूनीकेशन को बहुत आसान बनाने में दमदार रोल प्‍ले करेगा।

अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ।

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