Karnataka : देश का दूसरा सबसे अमीर विधायक बन सकता है नया मुख्यमंत्री, 2019 में लगे थे टैक्स चोरी के आरोप
रामनगर : कर्नाटक में राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस नेता इकबाल हुसैन ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को रामनगर में संवाददाताओं से बातचीत में हुसैन ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस को सत्ता में लाने में डीके शिवकुमार की रणनीति और अथक परिश्रम की अहम भूमिका रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी हाईकमान स्थिति को समझता है और उचित समय पर सही फैसला लेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या डीके शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने कहा, "हां, मैं ऐसा मानता हूं। दो से तीन महीने के भीतर निर्णय हो जाएगा।"
देश के सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं शिवकुमार
डीके शिवकुमार केवल एक सशक्त राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि देश के सबसे अमीर विधायकों में भी गिने जाते हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹1,413 करोड़ रुपये थी। हालांकि, 2025 में महाराष्ट्र के भाजपा विधायक पराग शाह ने ₹3,400 करोड़ की संपत्ति के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है, लेकिन शिवकुमार अब भी देश के दूसरे सबसे अमीर विधायक हैं।
उनकी संपत्ति में पिछले 15 वर्षों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
2008: ₹75 करोड़
2013: ₹251 करोड़
2018: ₹840 करोड़
2023: ₹1,413 करोड़ (जिसमें ₹1,140 करोड़ चल संपत्ति और ₹273 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है)
वर्तमान में उन पर कुल देनदारी लगभग ₹503 करोड़ रुपये है। उनकी आय का मुख्य स्रोत रियल एस्टेट, कृषि, शिक्षा और व्यापार है। उनकी पत्नी भी व्यवसायिक रूप से सक्रिय हैं और संयुक्त पारिवारिक संपत्ति में उनका योगदान महत्वपूर्ण है।
राजनीतिक करियर की शुरुआत 27 वर्ष की उम्र में
डीके शिवकुमार ने 1989 में मात्र 27 वर्ष की उम्र में मैसूर जिले की साथनूर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने 1994, 1999 और 2004 में इसी सीट से जीत दर्ज की। 2008 से वे कनकपुरा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लगातार विजयी रहे हैं।
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त जीत के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। बताया जाता है कि चुनाव बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक रोटेशनल फार्मूले पर सहमति बनी थी, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद मिल सकता है। हालांकि इस समझौते की पार्टी ने औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
आरोपों और क्लीन चिट
डीके शिवकुमार के वित्तीय मामलों को लेकर भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के आरोप भी लग चुके हैं। 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था, लेकिन 2020 में उन्हें अदालत से राहत मिल गई थी। अब जब एक बार फिर उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर चर्चाएं तेज हो रही हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व आने वाले महीनों में क्या निर्णय लेता है।