करतारपुर साहिब : मानवता का संदेश
आज श्री गुरुनानक देव जी के 550वें जन्मदिवस के अवसर पर पाकिस्तान की सीमा के भीतर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।
04:11 AM Nov 10, 2019 IST | Ashwini Chopra
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आज श्री गुरुनानक देव जी के 550वें जन्मदिवस के अवसर पर पाकिस्तान की सीमा के भीतर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इधर और उधर पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने-अपने यहां कॉरिडोर का उद्घाटन करने के साथ ही दुनिया भर में रह रहे लाखों सिख श्रद्धालुओं का बरसों पुराना सपना साकार हो गया।
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इसके लिए ‘पंजाब केसरी’ केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार, पाकिस्तान की इमरान सरकार और पंजाब की कैप्टन अमरिन्द्र सरकार को शुभकामनाएं देता है। यद्यपि यह सबको पता है कि पाकिस्तान सरकार और सत्ता के अन्य प्रतिष्ठान भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रचते रहते हैं। उसके इरादे करतारपुर साहिब गलियारे का इस्तेमाल कर पंजाब में अलगाववाद को फिर से भड़काने के हैं लेकिन जिस तरीके से भारत के विदेश मंत्रालय और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने पाकिस्तान की साजिशों को दुनिया भर में नग्न कर उसे कूटनीतिक मोर्चे पर मात दी है इसके लिए भी वे बधाई के पात्र हैं।
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कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ‘‘आईएसआई का एक नकारात्मक एजैंडा है हमें इसको लेकर सतर्क रहना है, एक ओर वे (पाकिस्तान) हमें सहानुभूति व मानवता दिखाते हैं और वहीं दूसरी ओर वे भारत में आईएसआई और खालिस्तान समर्थित सिखों के स्लीपर सेल बनाने का इरादा रखते हैं। भारतीय सिख श्रद्धालुओं में पूर्व प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह और अन्य सिख धार्मिक संगठनों के नेता शामिल हुए। भारतीय श्रद्धालुओं ने भी पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को संदेश दे दिया कि वे पहले भारतीय हैं, बाद में सिख, हिन्दू, ईसाई और मुस्लिम।
गुरुनानक देव जी ने अपने काल में जो जीवन दर्शन दिया और जो मूल्य स्थापित किए, उन्हें स्मरण करता हूं तो हैरानी होती है कि पांच शताब्दियों से भी ज्यादा समय के बाद भी उनकी प्रासंगिकता ज्यों की त्यों बनी हुई है। कभी उस समय की दशा पर श्री गुरु नानक देव जी इस प्रकार मुखारित हुए थे-
‘‘कलियुग छुरी के समान हो गया है,
राजाओं का आचरण कसाइयों के सदृश है
धर्म तो लगता है, मानो पंख लगाकर उड़ गया,
असत्य और कालिमा चारों और छाई है,
सत्य का चन्द्रमा कहीं दृष्टिगोचर नहीं होता,
सारा विश्व अहंकार की अग्नि में धू-धू कर जल रहा है,
हे अकाल पुरुष, हे परमात्मा
कैसे इस अवस्था से हमें मुक्ति मिलेगी।’’
हम कलियुग में आतंकवाद झेल रहे हैं यानी हमने छुरी को भी देखा, धर्म की सूक्ष्म गति भी नई-नई परिभाषाओं के साथ मिली। असत्य की कालिमा और किसे कहते हैं। धर्म के नाम पर हिंसा का तांडव हो रहा है। कट्टरपंथी आतंकी संगठन न केवल पाकिस्तान में बल्कि दुनिया भर में काम कर रहे हैं और निर्दोषों की जान ले रहे हैं। गुरु नानक देव जी की वाणी में क्रांति के स्वर स्पष्ट झलकते दिखाई देते हैं। बाबर के आक्रमण के समय उन्होंने यह वाणी रची थी-
‘‘खुरासान खसमाया कीया
हिन्दुस्तान डराया,
आपे दोष न दयीं करना,
जम कर मुगल चढ़ाया,
ऐसी मार पयी कुरलाणे
तैं कि दर्द न आया।’’
जब मुगल बादशाह बाबर की शमशीर के सामने लोग झुकने लगे और समाज में कोई व्यक्ति साहस कर अपनी आवाज उठा नहीं रहा था तब गुरु नानक देव जी ने परमात्मा से फरियाद की ‘‘हे अकाल पुरुष, तुमने अपने कोप से खुरासान (जहां से बाबर चला) की तो रक्षा की परन्तु हिन्दुओं के स्थान पर इतनी कोप दृष्टि कर दी। गुरु जी कहते हैं कि दोष किसको दें? मुगलों ने इस देश में इतने बर्बर अत्याचार किए कि सारी मानवता त्राहिमाम कर उठी, पर हे अर्शों के दाता, तुम्हें दया क्यों नहीं आई। गुरु जी की वाणी अत्याचारों के विरुद्ध एकमात्र आवाज थी।
गुरु नानक देव जी ने क्रांति के साथ-साथ आध्यात्मिक क्रांति की भी नींव रखी जो मनुष्य को सम्पूर्ण मनुष्य बनाने में क्षण भर में सक्षम है। गुरु नानक देव जी का एक सूत्र जिसने हृदयंगम कर लिया मानो उसकी दुनिया ही बदल गई। उन्होंने कहा जो भी मनुष्य नेक कमाई करता है और यथासम्भव थोड़ा परोपकार करता है उसे अनायास ही परमात्मा का मार्ग मिल जाता है। गुरु नानक देव जी महाराज की जपुजी साहिब भारत ही नहीं विश्व की एक अनुपम कृति है। सिख ही नहीं पाकिस्तान के मुस्लिम आज भी गुरु नानक देव जी को अपना पीर फकीर मानते हैं।
काश! पाकिस्तान के हुक्मरान और सत्ता से जुड़े प्रतिष्ठान गुरु नानक देव जी के मानवता के संदेशों को अपनाएं और आतंकवाद का मार्ग त्याग दें तो वहां के लोगों का जीवन ही बदल जाएगा। अकाल पुरख, वाहिगुरु से यही अरदास है कि वह पाकिस्तान को सद्बुद्धि दे। समूचे विश्व को शांतिमय बनाने के लिए गुरु नानक देव जी के संदेशों को अपनाना बहुत जरूरी है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा उनके संदेशों का प्रसार ही करेगा। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और श्री गुरुनानक देव जी को दसों दिशाओं से नमन करता हूं।
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