Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

"आत्मा की शुद्धि से लेकर मोक्ष प्राप्ति तक" कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान क्यों है इतना खास?

01:47 PM Nov 05, 2025 IST | Khushi Srivastava
Kartik Purnima Snan 2025 (Photo: AI Generated)
Kartik Purnima Snan 2025: हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा एक पवित्र पर्व माना जाता है। वैसे तो हर महीने ही पूर्णिमा आती है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा आज यानी 05 नवंबर मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और शिव जी की पूजा की जाती है। इस दिन दीपदान और स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन देवता धरती पर आकर काशी के घाटों पर दिवाली मनाते हैं।
Advertisement
मान्यता है कि इस गंगा स्नान, व्रत, दान-पुण्य और दीपदान करने का खास महत्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इस दिन गंगा स्नान करने से क्या होता है? तो चलिए जानते हैं।

Kartik Purnima Snan 2025: कार्तिक पूर्णिमा और गंगा स्नान का महत्व

Kartik Purnima Snan 2025 (Photo: AI Generated)

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा में स्नान करना अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह दिन आत्मा की शुद्धि, मोक्ष प्राप्ति और ईश्वर की कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर समझा जाता है। धार्मिक विश्वास के अनुसार, इस तिथि पर गंगा स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य व पवित्रता का संचार होता है।

Ganga Snan on Kartik Purnima: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का फल

Kartik Purnima Snan 2025 (Photo: AI Generated)

मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के दोष मिट जाते हैं और आत्मा की शुद्धि होती है। यह स्नान केवल शरीर की स्वच्छता का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक संतुलन और भक्ति की गहराई से जोड़ देता है।

Kartik Purnima 2025: भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से जुड़ी पौराणिक कथा

Matsya avatar of Lord Vishnu (Photo: AI Generated)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से संबंधित है। ऐसा कहा जाता है कि इसी श्री हरि ने मत्स्य रूप धारण करके प्रलय के समय मनु को वेदों की रक्षा करने और सृष्टि को पुनः आरंभ करने का मार्ग दिखाया था।
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में से पहला अवतार माना जाता है। मत्स्य अवतार धर्म की स्थापना और जीवन के संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और गंगा स्नान का खास महत्व बताया गया है, जिससे जीवन में धर्म, ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति की वृद्धि होती है।

Kartik Purnima Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा की पूजन विधि

Kartik Purnima Snan 2025 (Photo: AI Generated)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर घर के आस-पास नदी न हो, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इसके बाद तुलसी के पौधे के पास, मंदिर और घर के आंगन में दीप जलाकर भगवान का ध्यान करें। इसके अलावा किसी बहती नदी में भी दीपदान करना शुभ होता है। एक दिया जलाकर भगवान शिव और विष्णु जी को समर्पित करें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन विषम संख्या जैसे- 5, 7, 11, 21, 51 या 101 दीपक जलाना शुभ होता है। इस दिन 365 बाती वाले दीपक जलाने का भी बहुत महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे पूरे साल के दीपदान का पुण्य मिलता है।
यह भी पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा से कैसे जुड़ी है महादेव के “त्रिपुरारी” अवतार की कहानी
Kartik Purnima 2025: एक समय की बात है, तारकासुर नाम का एक असुर था जिसके तीन पुत्र थे — तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली। जब भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया, तो उसके तीनों पुत्र अत्यंत दुखी हो गए। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु का बदला देवताओं से लेने का निश्चय किया और इसके लिए ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी उनके सामने प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। तीनों ने अमरत्व का वरदान मांगा, लेकिन ब्रह्मा जी ने आगे पढ़ें...
Advertisement
Next Article