W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

कभी नहीं बनेगा खालिस्तान!

1980 से भी पहले जब खालिस्तान की मांग पाकिस्तान की शह पर एक सोचे-समझे तरीके से पंजाब के भोले-भाले सिखों को भड़काकर उठाई गई तो उसके बाद की दास्तां हर कोई जानता है।

04:37 AM Nov 10, 2019 IST | Aditya Chopra

1980 से भी पहले जब खालिस्तान की मांग पाकिस्तान की शह पर एक सोचे-समझे तरीके से पंजाब के भोले-भाले सिखों को भड़काकर उठाई गई तो उसके बाद की दास्तां हर कोई जानता है।

कभी नहीं बनेगा खालिस्तान
Advertisement
अगर आतंकवाद की बात करें तो आज भले ही जम्मू-कश्मीर को लेकर इसका उदाहरण दिया जाता रहा है लेकिन जिस तरह से मोदी सरकार ने वहां 370 खत्म करके एक देश-एक विधान लागू कर दिया है और विशेष राज्य के दर्जे की पुरानी खाल उतारी जा चुकी है तो हम पंजाब का उदाहरण देना चाहेंगे जहां से कभी खालिस्तान की मांग बुलंद हुई थी और इस तरह कभी-कभी यह अब भी उठती रहती है। 1980 से भी पहले जब खालिस्तान की मांग पाकिस्तान की शह पर एक सोचे-समझे तरीके से पंजाब के भोले-भाले सिखों को भड़काकर उठाई गई तो उसके बाद की दास्तां हर कोई जानता है।
Advertisement
आज इस मोदी सरकार ने अगर पाकिस्तान में करतारपुर साहब गलियारे का निर्माण पाकिस्तान के साथ मिलकर करवा दिया है तो देश और दुनिया के सिखों की न सिर्फ भावनाओं का सम्मान किया है बल्कि श्रद्धालु अब गुरुनानकदेव जी के उस गुरुद्वारे में भी जा सकेंगे जो उनके आदर्शों को समर्पित रहा है। करतारपुर कारीडोर को लेकर महान सिख गुरु नानक देव जी को समर्पित गीत लांच किये जाने के मौके पर पिछले दिनों जिस तरह से वहां खालिस्तानी पोस्टर लहराए गए तो यह पाकिस्तान की उस काइंयां सोच को उजागर करता है जो अब भी रह-रहकर पंजाब में आतंक फैलाना चाहती है।
Advertisement
भारत की गुप्तचर एजेंसियां बराबर यह चेतावनी देती रही हैं कि पाकिस्तान द्वारा आईएसआई की शह पर आतंक को बढ़ाने की साजिशें बराबर रची जा रही हैं।  दुनिया जानती है कि कश्मीर में या देश के किसी हिस्से में जब-जब आतंकियों ने पाकिस्तान की शह पर बम विस्फोट किये या उड़ी अटैक या पुलवामा हमला किया तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऐसा तगड़ा पलटवार अपनी सेनाओं के माध्यम से करवाया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को मुंह की खानी पड़ी। वह सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट पलटवार। पाकिस्तान अपना हश्र देख चुका है। हमारा यह मानना है कि आज की तारीख में खालिस्तान के नाम पर जंग इस वक्त जमींदोज हो चुकी है।
खालिस्तान का सपना देखने वालों के इरादे और उन्हें हवा देने वालों की कल्पनाओं की बड़ी-बड़ी इमारतें सब नेस्तनाबूद हो चुकी हैं। पाकिस्तान के कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं कि जिनका एजेंडा केवल हमारा पंजाब है और उसमें रहने वाले सिख भाई हैं। इसीलिए उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करके खालिस्तान के नेस्तनाबूद हो चुके आंदोलन को हवा देकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना है लेकिन अब पंजाब के सिख भाई समझ चुके हैं कि यह बुरा स्वप्न जिसकी कीमत पूरे पंजाब ने सबसे ज्यादा दी है। वहां के लोगों ने अपने अमन चैन से अपने भाईचारे से सच्ची इंसानियत की भावनाओं से और सिख गुरुओं की कृपा से पंजाब को सबसे खुशहाल बनाए रखा है।
पूरी दुनिया में इसकी इंसानियत की एक अलग मिसाल है। व्यक्तिगत रूप से मेरे परदादा शहीद शिरोमणि परम श्रद्धेय लाला जगत नारायण जी और दादा अमर शहीद परम श्रद्धेय रमेश चंद्र जी की शहादत आतंक की आग में ही हुई है। हालांकि हमारा परिवार और पिताश्री अश्विनी जी आज भी अनेक आतंकी संगठनों से धमकियां झेलते रहते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान में कुछ सिख समूह मारे गए आतंकवादियों के नाम पर अपना खेल मौके का फायदा उठाकर खेलते रहते हैं। करतारपुर कािरडोर के नानक जी को समर्पित सांग लांचिंग समारोह के दौरान आतंकियों के पोस्टर लहराने के पीछे भी उनका यही एजेंडा दिखाई देता है।
जिस सरकार ने धारा 370 निपटा दी उस मोदी सरकार के रहते सरदार पटेल जैसे मजबूत इरादों वाले गृहमंत्री के रूप में अमित शाह जैसी शख्सियत की कर्त्तव्य परायणता के सामने खालिस्तान का ख्वाब तक नहीं लिया जा सकता। खालिस्तान की हवा तो दूर इसकी सोच तक खत्म हो चुकी है। आईएसआई की शह पर सिख भावनाओं को भड़काने की खालिस्तानी ​िफतरत अगर बरकरार है तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। हमारा मानना है कि करतारपुर कारिडोर की आड़ में इसीलिए पाकिस्तान तरह-तरह की साजिशें रच रहा है लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी है।
1965, 1971 और कारगिल जंग में मुंह की खाने के बाद तथा इससे पहले आतंकवाद फैलाने की कोशिशों में बेनकाब होने के बाद पाकिस्तान खुद नफरत और आतंकवाद की आग में जल रहा है तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। अब इमरान खान के खिलाफ पूरा देश भड़का हुआ है। इसीलिए खालिस्तान की आड़ में वह नई साजिश रच रहा था और उसमें भी वह बेनकाब हो गया लेकिन पूरा देश जान चुका है और हमारी सुरक्षा एजेंसियां एवं सुरक्षा सिस्टम इस कदर मुकम्मल है कि खालिस्तान का सपना लेने वाला भी कोई नहीं है।  यह तय है कि खालिस्तान एक ख्वाब था और ख्वाब ही रहेगा ​जिसका सीधा सा मतलब है कि खालिस्तान कभी नहीं बन सकता।
Advertisement
Author Image

Aditya Chopra

View all posts

Aditya Chopra is well known for his phenomenal viral articles.

Advertisement
Advertisement
×