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जानिए किस प्रकार कान छिदवाना है सेहत के लिए फायदेमंद

कान छिदवाने की परंपरा कोई अभी नहीं बल्कि सदियों पुरानी है। पुरातन काल में तो केवल महिलाएं ही नहीं बलिक पुरुष भी कान छिदवाकर कानों में कुंडल पहना करते थे।

09:34 AM Aug 08, 2019 IST | Desk Team

कान छिदवाने की परंपरा कोई अभी नहीं बल्कि सदियों पुरानी है। पुरातन काल में तो केवल महिलाएं ही नहीं बलिक पुरुष भी कान छिदवाकर कानों में कुंडल पहना करते थे।

कान छिदवाने की परंपरा कोई अभी नहीं बल्कि सदियों पुरानी है। पुरातन काल में तो केवल महिलाएं ही नहीं बलिक पुरुष भी कान छिदवाकर कानों में कुंडल पहना करते थे। इस परंपरा का हिंदू धर्म में सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर देखा जाता है।
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ऐसे में यदि आप ऐसा सोचते हैं कि कान केवल फैशन के लिए छिदवाया जाता है तो इस बात में शायद आप थोड़ा सा गलत हैं। जी हां क्योंकि कान छिदवाने के पीछे कई सारे वैज्ञानिक कारण भी हैं साथ ही कान छिदवाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। तो आइए आप भी एक बार जान लीजिए इसके बारे में कई सारे फायदे। 

1.मेन्स्ट्रुअल साइकल सही 

आयुर्वेद के  मुताबिक कान के बाहरी भाग में सेंटर का भाग सबसे ज्यादा अहम पॉइंट होता है। यह एक ऐसा हिस्सा होता है जो प्रजनन संबंधी सेहत के लिए सबसे जरूरी माना जाता है। बता दें कि कान छिदवाने से महिलों का मासिक धर्म सही और हेल्दी बना रहता है। 

2.ब्रेन का हेल्दी विकास

यदि किसी छोटी बच्ची के कान में छेद करवा दिया जाए तो ऐसे में उस उसके ब्रेन का विकास सही तरीके से होता है। ईयर लोब्स यानी कान के बाहर के हिस्से में मध्याह् पॉइंट होता है जो दिमाग के लेफ्ट हेमिस्फियर को राइट हेमिस्फियर से जोडऩे में सहायता करता है। कान में छेद कराने से ब्रेन के ये हिस्से ऐक्टिवेट हो जाते हैं। वहीं ऐक्युप्रेशर थेरपी का सिद्घांत भी यही कहता है कि जब इस मेरिडियन पॉइंट का उत्तेजित किया जाता है तो ब्रेन का सही तरह से हेल्दी विकास होना शुरू हो जाता है। 

3.आंखों की रोशनी बेहतर होना

क्या आप जानते हैं कि कान के सेंटर पॉइंट पर ही आंखों की रोशनी का सेंटर निर्भर करता है। यही वजह है कि इन पॉइंट्स पर छेद करवाने के बाद पडऩे वाले प्रेशर के कारण से आइसाइट यानी आंखों की रोशनी अच्छी होती है। 

4.सुनने की क्षमता मजबूत

ऐसा कहा जाता है कि कान में जिस जगह छेद करवाया जाता है वो सबसे अहम ऐक्युप्रेशर पॉइंट होता है,जो बच्चे के सुनने की क्षमता को सबसे अच्छे तरीके से मेनटेन करता है। वहीं एक्युप्रेशर एक्सपट्र्स की सलाह मानें तो कान में होने वाली झनझनाहट जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में अहम रोल निभाता है कान में छेद वाला स्पॉट। 

5.तनाव और घबराहट में भी राहत

कान छिदवाने से ब्रेन तो हेल्दी होता है। इसके साथ ही कान छिदवाने से मिर्गी जैसी परेशानियों को भी रोकने में सहायता मिलती है।
 ऐक्युप्रेशर एक्सपर्ट की मानें तो यह हिस्सा ब्रेन के मास्टर सेरेब्रल का हिस्सा भी होता है जो ब्रेन के ज्यादातर फंक्शन्स की जिम्मेदारी लेता है। ऐसे में इस तरह के पॉइंट पर छेद करवाने से तनाव और घबराहट जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 
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