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भारत के Forest Area में बढ़ोत्तरी, जानें कितनी हुई वृद्धि?

04:26 PM Jul 29, 2025 IST | Amit Kumar
भारत के forest area में बढ़ोत्तरी  जानें कितनी हुई वृद्धि
Forest Area

Forest Area: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि देश में वन और वृक्ष आवरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनके अनुसार, भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, साल 2021 के मुकाबले वन क्षेत्र में 156.41 वर्ग किलोमीटर और वृक्ष क्षेत्र में 1289.40 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey) (एफएसआई), देहरादून द्वारा तैयार की गई है। सरकार ने बताया कि देश में वनों और वृक्षों के संरक्षण और प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है। इसके लिए देश में कई कानूनी व्यवस्थाएं लागू हैं, जैसे:

  • Indian Forest Act (भारतीय वन अधिनियम) ,1927
  • Forest (Conservation) Act,वन (संरक्षण) अधिनियम) 1980
  • (Wild Life Protection Act) (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम) 1972
  • State Level Forest Law (राज्य स्तरीय वन कानून)
  • Tree Protection Act (वृक्ष संरक्षण अधिनियम)

इन कानूनों के तहत जंगलों और पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

अवैध कटाई पर निगरानी और कार्रवाई

पेड़ों की अवैध कटाई एक गंभीर समस्या है। मंत्री ने कहा कि जब भी पेड़ों की गैरकानूनी कटाई का मामला सामने आता है, तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। संबंधित राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन इस तरह के मामलों का रिकॉर्ड रखते हैं।

स्थानीय वन अधिकारी (Forest Officer) अवैध रूप से काटे गए पेड़ों का मूल्यांकन करते हैं और उसका पूरा विवरण संबंधित वन अपराध रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके बाद कानून के अनुसार दोषियों के खिलाफ न्यायालयों में कार्रवाई की जाती है।

अवैध कटाई रोकने के लिए उठाए गए कदम

  • सरकार द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • वन क्षेत्रों में नियमित गश्त: अग्रिम पंक्ति के वनकर्मी जंगलों में नियमित निगरानी करते हैं।
  • गश्ती और निगरानी शिविरों की स्थापना: विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए स्थायी शिविर बनाए गए हैं।
  • जांच चौकियां और उड़न दस्ते: रणनीतिक स्थानों पर जांच चौकियां बनाई गई हैं और विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं।
  • सामुदायिक भागीदारी: सरकार स्थानीय लोगों को वन सुरक्षा गतिविधियों में शामिल करने के लिए संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम चला रही है।
  • जागरूकता अभियान और शैक्षिक कार्यक्रम: लोगों को जंगलों के महत्व और उनकी रक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
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