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Shubhanshu Shukla: स्कूल से स्पेस स्टेशन तक, जानें भारत के लाल शुभांशु शुक्ला की पूरी कहानी

02:22 PM Jun 25, 2025 IST | Neha Singh
Shubhanshu Shukla

Shubhanshu Shukla: भारत इतिहास रचने के लिए तैयार है। 41 साल बाद भारत के लाल शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी है। शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर एक्सिओम 4-मिशन (Axiom-4 Mission) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए रवाना हो गया। मिशन की लॉन्चिंग दोपहर 12.01 बजे कर दी गई थी। राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय ने रचा इतिहास

राकेश शर्मा दूसरे भारतीय बने हैं, जिसने अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ी है और देश को गर्वित किया है। 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के सोयूज टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष में कदम रखा था। उन्होंने अंतरिक्ष में भारतीय ध्वज लहराया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बातचीत में उन्होंने कहा था कि 'सारे जहां से अच्छा'। यह भारत के लिए गर्व का पहला पल था। अब 41 साल बाद शुभांशु शुक्ला इस विरासत को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।

कल शाम को होगी डॉकिंग

यह मिशन Axiom Space नाम की निजी कंपनी चला रही है, जिसमें SpaceX और NASA का भी सहयोग है। कंपनी के फालक्न 9 रॉकेट पर लांच होने के बाद चालक दल एक स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर ओरबिटिंग लैबोरेटरी की यात्रा करेगा। नासा ने अपने बयान में कहा कि डॉकिंग का लक्षित समय कल यानी गुरुवार को शाम 4.30 बजे के आसपास है।

चार यात्रियों ने भरी उड़ान

नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन इस वाणिज्यिक मिशन की कमान संभालेंगी, जबकि इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे। इनके अलावा, 2 मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के हुनोर (हंगेरियन टू ऑर्बिट) के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू हैं।

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SpaceX-Private-Astronauts

जानें कैसे अंतरिक्ष तक पहुंचे Shubhanshu Shukla

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रेदश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उनके पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला है और माता का नाम आशा शुक्ला है। आज अपने बेटे की उड़ान देखकर दोनों की आंखों में आंसू थे और अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्वित महसूस कर रहे हैं। शुभांशु शुक्ला तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति हैं। उनकी शादी कामना शुभा शुक्ला से हुई है, जो एक डेंटिस्ट हैं।

लखनऊ के स्कूल से पहुंचे एनडीए

शुभांशु शुक्ला ने लखनऊ के अलीगंझ स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की और वर्ष 2001 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद साल 2003 में उन्हें एनडीए में चयनित किया गया। शुभांशु शुक्ला ने 2005 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक किया और जून 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशंड हुए। जून 2019 में, शुभांशु शुक्ला को विंग कमांडर के रूप में पदोन्नत किया गया और उसी वर्ष इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) के माध्यम से IAF अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना गया।

ऐसे बनें एक्सिओम मिशन-4 के पायलट

शुभांशु शुक्ला 2021 में गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपना बेसिक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए रूस गए थे। लौटने के बाद भी उन्होंने बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में अपना प्रशिक्षण जारी रखा। 2024 में उन्हें IAF में ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया। शुभांशु इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। शुभांशु ने एएन-32, जगुआर, हॉक, मिग-21, मिग-29 और एसयू-30 एमकेआई जैसे कई विमान उड़ाए हैं। उनके पास 2000 घंटे उड़ान का अनुभव है। अगस्त 2024 में, ISRO ने शुभांशु को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए एक निजी मिशन, एक्सिओम मिशन-4 के लिए पायलट घोषित किया।

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