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जानें कब है सावन की शिवरात्रि, कुंवारी कन्याओं को मिलेगा मन चाहा वर, सही शुभ मुहूर्त पर ही करें पूजा

हिंदू पंचाग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से दो शिवरात्रि को खास महत्व दिया जाता है। इनमें सबसे प्रमुख फाल्गुल मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है

11:46 AM Jul 13, 2022 IST | Desk Team

हिंदू पंचाग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से दो शिवरात्रि को खास महत्व दिया जाता है। इनमें सबसे प्रमुख फाल्गुल मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है

हिंदू पंचाग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से दो शिवरात्रि को खास महत्व दिया जाता है। इनमें सबसे प्रमुख फाल्गुल मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। वहीं इसके अतिरिक्त दूसरी महत्वपूर्ण शिवरात्रि सावन की मानी जाती है। इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है। 
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सावन के महीने की शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्‍व बताया गया है। यूं तो हर महीने कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि होती है, लेकिन सावन के महीने की शिवरात्रि की मान्‍यता सबसे खास होती है। इस बार सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को है। सावन की शिवरात्रि पर शिवजी का जलाभिषेक करने या फिर रुद्राभिषेक करने की बहुत ही खास मान्‍यता होती है। कहते हैं कि सावन की शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करवाने से भक्‍तों के सभी संकट दूर होते हैं। इस साल की सावन शिवरात्रि और भी खास मानी जा रही है।
सावन शिवरात्रि 2022 तिथि 
सावन  शिवरात्रि तिथि- 26 जुलाई 2022, दिन मंगलवार
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 26 जुलाई 2022, मंगलवार शाम 06 बजकर 46 मिनट से 
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 27 जुलाई 2022, बुधवार रात 09 बजकर 11 मिनट पर 
 सावन के महीने में शिवजी की पूजा करने से दांपत्‍य जीवन क सभी समस्‍याएं दूर होती हैं और पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में मधुरता बढ़ती है। पति की दीर्घायु की कामना की पूर्ति हेतु भी महिलाएं सावन के महीने में शिवजी की पूजा करती हैं। वहीं यह भी माना जाता है कि कुंवारी कन्‍याएं सावन के सोमवार के व्रत करती हैं तो उन्‍हें शिवजी जैसे सुयोग्‍य वर की प्राप्ति होती है।
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