कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस : शहर की सड़कों पर गरजा राजनीतिक आक्रोश, भाजपा-कांग्रेस ने उठाई न्यायिक जांच की मांग
कोलकाता : साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की सनसनीखेज घटना ने पश्चिम बंगाल की सियासत में उबाल ला दिया है। शनिवार को राजधानी कोलकाता की सड़कों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। दोनों दलों ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। इधर, कोलकाता पुलिस ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। इस टीम का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप घोषाल करेंगे। SIT को जल्द से जल्द केस की तह तक जाकर दोषियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस छात्र परिषद का आरोप – सरकार दबा रही है मामला
शनिवार सुबह कांग्रेस छात्र परिषद (छात्र संगठन) के समर्थकों ने कोलकाता के कस्बा थाने के सामने प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि राज्य सरकार इस बेहद गंभीर अपराध को दबाने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने महिला सुरक्षा के बिगड़ते हालात पर चिंता जताई और कहा कि पश्चिम बंगाल में छात्राओं और महिलाओं के लिए हालात दिन-ब-दिन असुरक्षित होते जा रहे हैं।
भाजपा का गरियाहाट चौराहे पर प्रदर्शन
वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने भी इस कांड को लेकर राज्य सरकार को घेरा और दोपहर में गरियाहाट चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता जगन्नाथ चटर्जी और अनुपम भट्टाचार्य के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कस्बा थाने के सामने जमकर नारेबाजी की। स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब भाजपा नेताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने विरोध कर रहे नेताओं को रोका और जब सुकांत मजूमदार आगे बढ़े तो उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया। पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मजूमदार ने सवाल किया, “जब यहां धारा 144 लागू नहीं है, तो हमें क्यों रोका जा रहा है?” इस पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जवाब दिया कि, “आपके पास अनुमति नहीं है और आपने बैरिकेड तोड़ा है, इसलिए यह गिरफ्तारी योग्य अपराध है।”
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SIT जांच शुरू, फॉरेंसिक टीम जुटा रही सबूत
इस बीच, कोलकाता पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक पांच सदस्यीय SIT गठित की है। टीम को घटनास्थल का मुआयना करने, पीड़िता के बयान लेने और डिजिटल-साक्ष्यों समेत तमाम सुराग इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं। फॉरेंसिक टीम ने कॉलेज परिसर और उसके आसपास से कई सबूत जब्त किए हैं, जिनमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और खून के निशान शामिल हैं।
यह मामला अब केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि इसने गहरा राजनीतिक मोड़ ले लिया है। जहां विपक्ष इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा है, वहीं सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की तरफ से अब तक कोई विस्तृत बयान नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह मामला तूल पकड़ सकता है और महिला सुरक्षा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।