Kubereshwar Dham Update: कांवड़ यात्रा के दौरान अबतक 7 कांवड़ियों की मौत, जानें क्यों हुआ हादसा
Kubereshwar Dham Update: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले स्थित कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीते तीन दिनों में यहां कुल सात श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है।
देखें मृतकों के नाम
गुरुवार को दो और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से एक गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) और दूसरा दिल्ली निवासी बताया जा रहा है। मृतकों की पहचान चतुर सिंह पिता भूरा (50), ईश्वर सिंह (65), दिलीप सिंह (57), जसवंती बेन पत्नी चंदू भाई (56), संगीता गुप्ता पत्नी मनोज गुप्ता (48) और उपेंद्र गुप्ता पिता प्रेम गुप्ता (22) के रूप में हुई है। सभी के शव जिला अस्पताल की मर्चरी में रखे गए हैं।
Kubereshwar Dham Update: इस वजह से हुई घटना
जानकारी के अनुसार, कुबेरेश्वर धाम में भारी भीड़ और प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते श्रद्धालुओं को गर्मी और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे ये दुखद घटनाएं सामने आई हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस इन मौतों को स्वाभाविक बताकर मामले से किनारा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है कि आखिर इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में मौतें कैसे हो रही हैं।
Human Rights Commission ने लिया संज्ञान (मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान)
मानवाधिकार आयोग ने मामले को गंभीर मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और अब संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया जा सकता है। धार्मिक आस्था के इस बड़े केंद्र में लगातार हो रही मौतों ने व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर जांच की मांग तेज हो गई है।
Kubereshwar Dham Update: कुबेरेश्वर धाम में हर साल पहुंचती है भीड़
बता दें कि कुबेरेश्वर धाम में हर साल सावन माह में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान वहां रुद्राक्ष का भी वितरण होता है। यही कारण है कि रुद्राक्ष पाने की आस में बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।
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विपक्ष ने उठाए सवाल
कुबेरेश्वर धाम में हो रही मौतों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और सुरक्षा व्यवस्था की कमी को लेकर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि इन मौतों से पता चलता है कि आर्थिक लाभ के लिए आस्था के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है। जिला प्रशासन चुप और लाचार है, जिसके कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। लाखों लोगों की भीड़ के कारण इंदौर-भोपाल मार्ग पर कई घंटों तक जाम रहा, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई।
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