Ladakh Protest: सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप, 80 से अधिक घायल, कर्फ्यू जारी
Ladakh Protest: नेपाल के बाद लेह भी हिंसा की आग में जल उठा। शहर में आज भी कर्फ्यू जारी रहा। बता दें कि एक दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ झड़प में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक घायल हो गए थे। इस झड़प में अनियंत्रित भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी थी, स्थानीय भाजपा कार्यालय को जला दिया था और हिल काउंसिल के कार्यालय को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया था। कांग्रेस नेता और पार्षद फुटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग पर मंगलवार को भूख हड़ताल स्थल पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
Ladakh Protest: सोनम वांगचुक पर लगा आरोप

गृह मंत्रालय ने हिंसा भड़काने के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित भूख हड़ताल करने वालों को दोषी ठहराया है। भाजपा कार्यालय, लेह हिल काउंसिल कार्यालय और सीआरपीएफ जिप्सी को एक अनियंत्रित भीड़ द्वारा आग लगा दी गई और पथराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके कारण पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को सरकारी संपत्ति को और अधिक नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए गोलियां चलानी पड़ीं, आंसू गैस छोड़नी पड़ी और लाठीचार्ज करना पड़ा।
VERY SAD EVENTS IN LEH
My message of peaceful path failed today. I appeal to youth to please stop this nonsense. This only damages our cause.#LadakhAnshan pic.twitter.com/CzTNHoUkoC— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 24, 2025
Ladakh Protest Demand: चार मांगे रखी

लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा का अनशन केंद्र पर दबाव बनाने के लिए था कि वह अपनी चार मांगों राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची का विस्तार, लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें और रोजगार में आरक्षण के समर्थन में 6 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक के बजाय वार्ता करे। लेह की एलएबी और कारगिल की केडीए पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन चला रही थीं और अतीत में गृह मंत्रालय के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुकी थीं।
Situation in Ladakh: प्रतिबंधों का सख्ती से पालन
पुलिस ने बताया कि लेह शहर में स्थिति शांतिपूर्ण है क्योंकि डीएम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। हिंसा के बाद, एलजी गुप्ता ने उपद्रवियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और लद्दाख के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की, जिन्हें उन्होंने शांतिपूर्ण और कानून का पालन करने वाला बताया।