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सुनो नीतीश, 'लालटेन' अंधेरा हटाने वाला जबकि 'तीर' हिंसा फैलाने का प्रतीक : लालू

लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को जेल से ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल -युनाइटेड (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन पर निशाना साधा है।

12:06 PM May 13, 2019 IST | Desk Team

लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को जेल से ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल -युनाइटेड (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन पर निशाना साधा है।

सुनो नीतीश   लालटेन  अंधेरा हटाने वाला जबकि  तीर  हिंसा फैलाने का प्रतीक   लालू

लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का मतदान संपन्न हो चुका है तथा सातवें और अंतिम चरण के मतदान में अब एक सप्ताह से भी कम का समय शेष है। ऐसे में इस चुनावी मौसम में नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने लगा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को जेल से ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-युनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन पर निशाना साधा है। लालू ने नीतीश कुमार को संबोधित, मीडिया को जारी इस पत्र में राजद के चुनाव चिह्न ‘लालटेन’ को अंधेरा हटाने वाला जबकि जद-यू के ‘तीर’ को हिंसा का पर्याय बताया।

लालू प्रसाद यादव ने पत्र में नीतिश को छोटा भाई बताते हुए लिखा, “सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है। दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो। तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है। मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है। गरीबों के जीवन से तिमिर (अंधेरा) हटाने का उपकरण है। हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे। तुम्हारा चिह्न ‘तीर’ तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है। मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है।”

nitish kumar

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा,”जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है। प्रकाश तो दिए का भी होता है। लालटेन का भी होता है, और बल्ब का भी होता है। बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते। इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है। समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनाना पड़ता है।”

जेल से ही चुनाव में उपस्थिति बनाए हुए हैं लालू प्रसाद यादव

उन्होंने कहा, “समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफरती आंधियों से उलझते व जूझते हुए खुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है। तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्घांतिक उसूलों को। डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है।”

लालू यादव ने आगे लिखा, “यह जमाना मिसाइल का है, तीर का जमाना लद गया है। तीर अब संग्रहालय में दिखेगा। लालटेन हर जगह जलता दिखेगा। पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे हैं। बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ, तुम्हारी मर्जी।”

इस पत्र को लालू ने ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने रविवार को बिहारवासियों को एक पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था।

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