लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार पर फैसला टला, अब इस दिन होगी अगली सुनवाई
Land For Job Case: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी) घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई हुई, जिसमें फैसला टाल दिया गया। इस केस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव समेत 100 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है।
अदालत ने सीबीआई से सभी आरोपियों की विस्तृत स्थिति (स्टेटस रिपोर्ट) मांगी है। कोर्ट ने एजेंसी से कहा कि कई आरोपियों की मौत हो चुकी है, ऐसे में यह स्पष्ट होना जरूरी है कि किसकी क्या स्थिति है। अदालत ने सीबीआई को 8 दिसंबर तक पूरी जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अब अगली सुनवाई 8 दिसंबर को ही होगी।
Bihar Land For Job Case: इन धाराओं में दर्ज है मामला

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, रेलवे में नौकरी देने के बदले कई लोगों से जमीन ली गई थी और अधिकांश लेनदेन कैश में हुआ। कुछ सेल डीड्स को छोड़कर, अधिकतर ट्रांजैक्शन हवाला या नकद के रूप में होने का आरोप है। एजेंसी ने इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी (साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज) और पीसी एक्ट 1988 की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 के तहत चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई का दावा है कि यह एक बड़े पैमाने पर किया गया संगठित भ्रष्टाचार था।
कई याचिकाएं दायर
Land for job CBI case | The Rouse Avenue Court in Delhi deferred the order on framing of charges against Lalu Prasad Yadav, Rabri Devi, Tejashwi Yadav, Tej Pratap Yadav, Misa Bharti, Hema Yadav and other accused persons.
The court has asked the CBI to verify the status of…
— ANI (@ANI) December 4, 2025
बता दें कि सुनवाई से जुड़े एक और महत्वपूर्ण मोड़ में, राबड़ी देवी ने हाल ही में कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की थीं। 28 नवंबर को उन्होंने तीन अहम याचिकाएं दाखिल कीं थी, जिनमें ईडी के दो मामलों (लैंड फॉर जॉब और आईआरसीटीसी घोटाला) और सीबीआई के लैंड फॉर जॉब केस को वर्तमान जज विशाल गोगने की अदालत से हटाकर किसी अन्य कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
Bihar News: कोर्ट पर राबड़ी ने लगाए थे आरोप
इसके पहले, 24 नवंबर को भी राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाले की सुनवाई कर रही अदालत पर पक्षपात का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि अदालत पूर्व-नियोजित तरीके से केस को आगे बढ़ा रही है और न्यायिक दृष्टिकोण निष्पक्ष नहीं दिख रहा है। इसी वजह से उन्होंने केस को ट्रांसफर करने की मांग की है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट अब सीबीआई की ओर से 8 दिसंबर तक आने वाली स्टेटस रिपोर्ट का इंतजार करेगी। उसके बाद ही तय होगा कि मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसे बढ़ेगी। लैंड फॉर जॉब मामला लंबे समय से राजनीतिक और कानूनी चर्चाओं का केंद्र रहा है।
Land For Job Case: क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?

बता दें कि RJD चीफ लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक UPA सरकार में रेल मंत्री थे। उस दौरान, रेलवे में ग्रुप D की नौकरियों के बदले लोगों ने लालू यादव के परिवार के नाम पर ज़मीन खरीदी और गलत तरीके से भर्तियां भी की गईं। CBI ने कोर्ट में दलील दी कि इस मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें ज़्यादातर ज़मीन के लेन-देन कैश में हुए। CBI ने इस मामले में सेक्शन 120B, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट 1988 के तहत चार्जशीट फाइल की।

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