जमीन हड़पने का मामला : गोवा के सीएम प्रमोद सावंत और कांग्रेस नेता के बीच तीखी बहस
कांग्रेस नेता गिरीश चोडनकर ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके कैबिनेट मंत्री जमीन कब्जाने के मामले में शामिल नहीं हैं।
12:49 PM Sep 08, 2022 IST | Desk Team
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कांग्रेस नेता गिरीश चोडनकर ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके कैबिनेट मंत्री जमीन कब्जाने के मामले में शामिल नहीं हैं। इस पर चोडनकर ने कहा कि सावंत के पहले भी पूर्वानुमान हमेशा गलत रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व सचिव गिरीश चोडनकर ने बुधवार को कहा, ‘इससे पहले, ‘डॉक्टर ऑफ फोरकास्ट’ डॉ प्रमोद सावंत ने भविष्यवाणी की थी कि सोनाली फोगाट की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, यही नहीं।’
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वही, चोडनकर ने हाल ही में आरोप लगाया था कि गोवा में एक मंत्री जमीन कब्जाने के मामले में शामिल है और जांच अधिकारी इस संबंध में दर्ज शिकायत पर विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग की थी।
इस पर, मुख्यमंत्री सावंत ने मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जमीन हड़पने के घोटाले में उनका एक भी मंत्री शामिल नहीं है। सावंत ने कहा, ‘अनावश्यक रूप से, वह हमारे मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं, इसके बजाय उन्हें एसआईटी को सबूत देना चाहिए। भूमि घोटाले में एक भी मंत्री शामिल नहीं है। समाचार पत्रों को प्रकाशन से पहले तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए।’
बीजेपी सरकार बन रही हंसी का पात्र
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बता दें, उन्होंने कहा, ‘गिरीश चोडनकर मीडिया को हलफनामा दिखा रहे हैं, उन्हें इसे एसआईटी को देना चाहिए। मुझे अपने मंत्रियों पर भरोसा है और मैं पारदर्शी जांच के लिए तैयार हूं।’ भूमि हड़पने पर मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट मंत्रियों को दी गई ‘क्लीन चिट’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चोडनकर ने बुधवार को कहा कि सावंत के नेतृत्व वाली सरकार हर दिन अपनी ‘नासमझी’ के कारण ‘हंसी का पात्र’ बन रही है।
चोडनकर के अनुसार, इस संबंध में एक पुलिस शिकायत 20 जुलाई को पोरवोरिम पुलिस स्टेशन में सेल्स फ्रांसिस्को फर्नाडेस नाम के एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसके पास उक्त जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी है। चोडनकर ने कहा, ‘सरकारी विभाग और पंचायत में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन किसी ने भी मामले की जांच नहीं की और न ही मामला एसआईटी को सौंपा गया।’
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