Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

एलडीएफ को ‘नव केरल सदास’ से उम्मीदें

12:59 AM Nov 25, 2023 IST | Rahil Nora Chopra

केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। सीएम पिनराई विजयन और एलडीएफ नेताओं के नेतृत्व में लोगों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए शुरू किए गए राज्य सरकार के सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम 'नव केरल सदास' से काफी उम्मीदें हैं। राज्य मंत्रिमंडल जनता की शिकायतों को दूर करने, केरल के लिए भविष्य की कार्रवाई व विकास योजनाओं और उसकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ काम करेगा। सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नव केरल सदास की शुरुआत से तीन घंटे पहले नामित (निर्धारित) काउंटर्स शिकायतें स्वीकार करेंगे।
सुचारू और सुव्यवस्थित प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और महिलाओं के लिए अलग-अलग काउंटर स्थापित किए गए हैं। पिनराई और उनकी मंत्रिपरिषद ने अधिकारियों को 45 दिनों के भीतर सभी शिकायतों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। आउटरीच कार्यक्रम 23 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के वट्टियूरकावु निर्वाचन क्षेत्र में समाप्त होगा। एलडीएफ इस बार लोकसभा की कम से कम आधी सीटों पर नजर गड़ाए हुए है।
अब विशेष राज्य के लिए अभियान
हाल ही में जारी जाति-आधारित सर्वेक्षण डेटा के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ी जातियों और अत्यंत पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के बाद अब बिहार कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की गुहार लगाई है। जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि वह बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगने के लिए एक अभियान चलाएंगे और राज्य की प्रगति के लिए आवश्यक होने के बावजूद इसे स्वीकार नहीं करने के लिए उन्होंने केंद्र की निंदा की।
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया तो निःसंदेह मात्र दो वर्षों में बिहार एक विकसित राज्य बन जाएगा। राज्य का अतीत गौरवशाली था, हर चीज यहीं से शुरू होती थी, लेकिन आज यह पिछड़ रहा है। हम विशेष श्रेणी का दर्जा हासिल करने के लिए अभियान चलाएंगे।”
इस बीच, नीतीश विपक्ष के 'इंडिया गठबंधन' में अपने गिरते ग्राफ को फिर से बनाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ओबीसी वोट आधार से वंचित करने की धमकी दी है। विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए एक अभियान राज्य से संबंधित पहचान और भावनाओं को दिशा देगा।
जाति जनगणना पर राहुल से अलग राय
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत के दलितों, ओबीसी, गरीबों की स्थिति का बेहतर मूल्यांकन करने और महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा की वकालत करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस एक अलग राय रखती है और इसलिए विभाजित है। जाति जनगणना के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जाति जनगणना रिपोर्ट को खारिज करने का आग्रह किया गया है, जिसे जल्द ही सौंपे जाने की उम्मीद है। जहां सिद्धारमैया जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू करने को तैयार थे, वहीं प्रमुख वोक्कालिगा और वीरशैव-लिंगायत समुदायों के मंत्री यह कहकर लगातार इसका विरोध कर रहे हैं कि जनगणना को वैज्ञानिक तरीके से नहीं लिया
गया है।
अखिलेश का पीडीए पर फोकस
जैसा कि कांग्रेस पार्टी के साथ मतभेद अभी भी जारी हैं और संबंधों में खटास आ रही है, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि "साइकिल वाले" 2024 के लोकसभा चुनाव (उत्तर प्रदेश में) जीतेंगे और "पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक" ( पीडीए) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हराएगा।'' अखिलेश ने यह बयान इटावा जिले के अपने पैतृक गांव सैफई में 'समाजवादी पीडीए यात्रा' के समापन समारोह में दिया।
साइकिल यात्रा इस साल 9 अगस्त को प्रयागराज से शुरू होने के बाद 102 दिनों में समाप्त हुई थी। यह यात्रा सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी समाधि पर समाप्त हुई। अखिलेश अब अपने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) पर पूरी शिद्दत से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वह दलितों को लुभाने की हर मुमकिन कोशिश के तहत हर गांव के युवाओं से सीधे जुड़कर भविष्य की रणनीति बना रहे हैं।

– राहिल नोरा चोपड़ा

Advertisement
Advertisement
Next Article