W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

जानिए ! कौन हैं संजीव खन्ना जो अगले सीजेआई बनेंगे ?

07:00 AM May 13, 2024 IST | Shera Rajput
जानिए   कौन हैं संजीव खन्ना जो अगले सीजेआई बनेंगे

नई दिल्ली, (पंजाब केसरी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने 10 मई को आबकारी नीति से जुड़े मामले में अंतरिम जमानत दे दी। इस फैसले के बाद जस्टिस खन्ना को गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया गया। जस्टिस खन्ना की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ की रिटायरमेंट के बाद वह अगले चीफ जस्टिस बनने की कतार में सबसे आगे हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ का कार्यकाल नवंबर 2024 को पूरा हो रहा है, जिसके बाद जस्टिस खन्ना 10 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना करीब पांच साल पहले जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बने थे। वह जस्टिस हंसराज खन्ना के संबंधी हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज के पद से इस्तीफा दे दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। 1983 में उन्होंने दिल्ली की जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की और फिर दिल्ली हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल्स में वकालत की। उन्होंने संवैधानिक कानून, डायरेक्ट टैक्स, मध्यस्थता और कमर्शियल मामलों, कंपनी लॉ, भूमि कानून, पर्यावरण और प्रदूषण कानून एवं चिकित्सीय लापरवाही से जुड़े केस में वकालत की है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद जस्टिस खन्ना की डिटेल्स के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में एडीशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और कई आपराधिक मामलों में कोर्ट की तरफ से न्याय मित्र के रूप में बहस की थी। टैक्सेशन के मामलों में उनकी काफी महारत हासिल मानी जाती है और उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल के रूप में 7 साल तक काम किया।

Advertisement

बतौर जज क्या-क्या दिए फैसले

Advertisement

अप्रैल 2024 में जस्टिस खन्ना ने वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों के क्रॉस-वेरिफिकेशन से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने अपने फैसले में ईवीएम की पवित्रता और देश के चुनाव आयोग पर भरोसे को लेकर विस्तार से लिखा है।
मार्च में जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए रोक लगाना सही नहीं है। हालांकि अदालत ने जल्दबाजी में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए भी सरकार की आलोचना की। जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने मार्च 2023 में शराब नीति मामले में बीआरएस नेता और तेलंगाना एमएलसी के कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कविता से ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन करने और सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आने को कहा था।

Advertisement

Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×