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स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान के लिए लाइफस्टाइल कोच ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

लाइफस्टाइल गुरु और लेखक ल्यूक कॉउटिन्हो ने बताया की कोई भी इंसान बिना किसी ट्रेनिंग की स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान सकता है।

04:23 AM Nov 25, 2024 IST | Samiksha Somvanshi

लाइफस्टाइल गुरु और लेखक ल्यूक कॉउटिन्हो ने बताया की कोई भी इंसान बिना किसी ट्रेनिंग की स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान सकता है।

स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान के लिए लाइफस्टाइल कोच ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

ल्यूक कॉउटिन्हो ने स्ट्रोक को ले कर सलाह दी

स्ट्रोक दुनिया भर में मौत और विकलांगता का कारण बनता जा रहा है। फिर भी कई लोग स्ट्रोक को समय पर पहचान नहीं पाते जिससे उनकी मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल अंदाज़न 15 मिलियन लोग स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं। इनमें से 5 मिलियन की मृत्यु हो जाती है, जबकि अन्य 5 मिलियन स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। लाइफस्टाइल गुरु ल्यूक कॉउटिन्हो ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर इस बारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने सलाह दी कि कैसे कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो, स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान सकता है और समय पर लोगों की मदद कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी की स्ट्रोक के दौरान, हर गुज़रते मिनट में लगभग दो मिलियन मस्तिष्क कोशिकाएँ मर जाती हैं।

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आप BE FAST मेथड से स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान सकते है और लोगों की मादा कर सकते है। जानिए क्या है BE FAST मेथड

B- बैलेंस: आप सामने वाले का बैलेंस देख सकते है, अगर वो लड़खड़ा रहे है या उन्हें चक्कर आ रहे है तो ये स्ट्रोक की पहचान हो सकती है।

E- आईज: उनकी दृष्टि का निरीक्षण करें। क्या उनकी आँखें धीरे धीरे बंद हो रही है ?

F- फेस: अगर किसी का चेहरा पीला पड़ रहा है या एक तरफ झुक रहा है तो वो स्ट्रोक हो सकता है।

A- आर्म्स: उन्हें दोनों हाथ उठाने के लिए कहें। अक्सर, स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को ऐसा करने में दिक्कत होती है।

S- स्पीच: उन्हें बोलने के लिए कहें। अगर उनकी बोली स्पष्ट नहीं आ रही तो ये समस्या की बात है।

T- टाइम: अगर ये सारे लक्षण है तो वक़्त पर और जल्दी से उन्हें हॉस्पिटल ले जाए ताकि उनकी जान बच सकें।

स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को जल्द अस्पताल पहुंचाए

स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है। जितनी जल्दी किसी इंसान को स्ट्रोक के दौरान होपितल पहुंचा दिया जाए उठा उनके लिए बेहतर होगा और इससे उनकी जान भी असानीस इ बच जाएगी। ये काम जल्दी करने से ये क्षति को कम कर सकता है, दीर्घकालिक विकलांगता को रोक सकता है, और यहाँ तक कि जीवन भी बचा सकता है। ल्यूक कॉउटिन्हो के सरल चरणों को सीखकर और साझा करके, कोई भी व्यक्ति महत्वपूर्ण क्षणों में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला बन सकता है।

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Samiksha Somvanshi

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