लीलावती ट्रस्ट ने HDFC बैंक के CEO पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, जानें मामला
HDFC बैंक के CEO पर लगा धोखाधड़ी का आरोप
ट्रस्ट ने शनिवार को जगदीशन को तुरंत प्रभाव से निलंबित कने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है. ट्रस्ट ने कहा कि जगदीशन ट्रस्ट से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियों में सीधे शामिल हैं. वहीं एचडीएफसी बैंक के प्रवक्ता ने ट्रस्ट के आरोपों को पूरी तरह से अस्वीकार करते हुए इसे “बिना आधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया है.
Mumbai News: मुंबई के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संगठन, लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएम ट्रस्ट) ने HDFC बैंक के प्रबंध निदेशक और CEO, शशिधर जगदीशन पर गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही ट्रस्ट ने शनिवार (7 जून) को जगदीशन को तुरंत प्रभाव से निलंबित कने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है. ट्रस्ट ने कहा कि जगदीशन ट्रस्ट से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियों में सीधे शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचडीएफसी बैंक के प्रवक्ता ने ट्रस्ट के आरोपों को पूरी तरह से अस्वीकार करते हुए इसे “बिना आधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया. बैंक ने कहा कि ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों पर बैंक का भारी बकाया है, जो अभी तक चुकाया नहीं गया. बैंक ने स्पष्ट किया कि यह मामला बैंक द्वारा चलाए जा रहे ऋण वसूली अभियान का विरोध करने की कोशिश है, न कि कोई धोखाधड़ी.
ट्रस्ट ने RBI से भी की सस्पेंड करने की मांग
ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई), सेबी और वित्त मंत्रालय से भी मांग की है कि शशिधर जगदीशन को सभी कार्यकारी पदों से तुरंत हटाया जाए. ट्रस्ट का कहना है कि जब्त नकदी डायरी से यह पता चला है कि ट्रस्ट के ट्रस्टी और उनके परिवार ने 14.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है, जिसमें से 2.05 करोड़ रुपये जगदीशन को मिले हैं. इस मामले में सात अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.
‘आरोप निंदनीय और गलत हैं’
बैंक प्रवक्ता ने बताया कि जगदीशन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ताकि बैंक के बकाया ऋणों की वसूली रोकी जा सके. उन्होंने कहा कि यह मामला पिछले दो दशकों से चल रही कानूनी लड़ाई का हिस्सा है, जिसमें प्रशांत मेहता और उनके परिवार ने कई स्तरों पर कार्रवाई की है. बैंक ने स्पष्ट किया कि अदालतों में कई बार प्रयास विफल होने के बाद, इस बार बैंक के सीईओ पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं.
‘RBI मानदंडों का उल्लंघन’
ट्रस्ट ने कहा है कि जगदीशन ने आरबीआई के ‘फिट एंड प्रॉपर’ मानदंडों का उल्लंघन किया है और उनके ऊपर भ्रष्टाचार और विश्वासघात के गंभीर आपराधिक आरोप हैं. ट्रस्ट ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पद पर बने रहने से संस्थागत सबूतों में छेड़छाड़ हो सकती है और गवाहों को धमकाया जा सकता है. साथ ही, ट्रस्ट ने अस्पताल कर्मचारियों को सीएसआर फंड के नाम पर 1.5 करोड़ रुपये की पेशकश का भी आरोप लगाया, ताकि सबूतों को नष्ट किया जा सके.
ट्रस्ट के भीतर वर्षों से जारी विवाद
लीलावती ट्रस्ट के सदस्यों के बीच कई वर्षों से विवाद चल रहा है. 2023 में हुई लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ट्रस्ट का नियंत्रण किशोर मेहता के परिवार से विजय मेहता के परिवार को मिला. किशोर मेहता ने 1997 में लीलावती अस्पताल की स्थापना की थी. 2002-03 में विवाद तब शुरू हुआ जब किशोर के विदेश इलाज के दौरान विजय मेहता के परिवार ने ट्रस्ट के बोर्ड सदस्यों के जाली दस्तखत कर नियंत्रण हासिल किया था. दोनों मेहता परिवार के प्रमुख अब नहीं रहे.
ट्रस्ट की अंतिम टिप्पणी
एलकेएमएम ट्रस्ट के स्थायी ट्रस्टी प्रशांत किशोर मेहता ने कहा कि यह कोई निजी विवाद नहीं है बल्कि सार्वजनिक धन और कानून के प्रति गंभीर विश्वासघात है. उन्होंने आरोप लगाया कि शशिधर जगदीशन ने अपने पद का दुरुपयोग कर सच्चाई दबाने और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की. ट्रस्ट भारत की बैंकिंग और न्याय प्रणाली की प्रतिष्ठा बचाने के लिए जगदीशन के तत्काल निलंबन की मांग करता है.
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धोखाधड़ी की FIR और कानूनी लड़ाई
इस वर्ष की शुरुआत में, ट्रस्ट ने सात पूर्व ट्रस्टियों और दस अन्य के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई. 6 मार्च को धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात के तहत मामला दर्ज किया गया. यह इसी विवाद में अब तक दर्ज की गई तीसरी एफआईआर है.