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जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के संस्थापक गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने और प्रदेश में भूमि और नौकरी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गुलाम नबी अनंतनाग-राजोरी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
आपको बता दें आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़ कर पार्टी के साथ अपने पांच दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त कर दिया था। इसके बाद उन्होंने डीपीएपी का गठन किया। उन्होंने कहा, 'ऐसी अटकलें हैं कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन दिल्ली और पुडुचेरी की तर्ज पर जहां एलजी को मुख्यमंत्री और उनकी सरकार द्वारा किए गए हर फैसले को मंजूरी देनी होगी।
आजाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने के उनके पास कई कारण हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरियों और जमीन की सुरक्षा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने कहा, 'हमें पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए। इसके बाद विधानसभा कानून पारित कर सकती है जो केवल राज्य के लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करेगी जबकि बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते।'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा चुनाव लड़ने के लिए आज़ाद के निर्वाचन क्षेत्र पर आश्चर्य व्यक्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए आजाद ने कहा, “यह मेरा राज्य है। किसी के लिए भी यह कहना गलत होगा कि आप बाहरी हैं। हम सभी भारतीय हैं।' उमर ने कहा कि 'मैंने अपना पहला चुनाव महाराष्ट्र से लड़ा, दूसरा और तीसरा चुनाव भी महाराष्ट्र से ही लड़ा उमर शायद उस समय स्कूल में थे। यहां हम आसपास के जिलों के बारे में बात कर रहे हैं। मैं किसी के रास्ते में नहीं आ रहा हूं। मेरे पास एक राजनीतिक दृष्टिकोण है, मेरे पास लड़ने के लिए एक राजनीतिक उद्देश्य है। अगर इससे किसी को परेशानी हो तो मैं क्या कर सकता हूं।'