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महाराष्ट्र निकाय चुनाव : बीजेपी के साथ सत्ता का साझेदार होते हुए भी कई सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगा शिंदे खेमा

महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे -फ़डणवीस की जोड़ी में एक निकाय चुनाव में कुछ सीटों पर एक -दूसरे का विरोधी बनने वाला है। बीजेपी के साथ सत्ता में साझेदार शिंदे खेमा महाराष्ट्र चुनाव में कई सीटों पर अकेले ही दम भरने वाला हैं।

02:00 PM Oct 26, 2022 IST | Desk Team

महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे -फ़डणवीस की जोड़ी में एक निकाय चुनाव में कुछ सीटों पर एक -दूसरे का विरोधी बनने वाला है। बीजेपी के साथ सत्ता में साझेदार शिंदे खेमा महाराष्ट्र चुनाव में कई सीटों पर अकेले ही दम भरने वाला हैं।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव   बीजेपी के साथ सत्ता का साझेदार होते हुए भी कई सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगा शिंदे खेमा
महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे -फ़डणवीस की जोड़ी निकाय चुनाव में कुछ सीटों पर एक -दूसरे का विरोधी बनने वाली है। बीजेपी के साथ सत्ता में साझेदार शिंदे खेमा महाराष्ट्र चुनाव में कई सीटों पर अकेले ही दम भरने वाला हैं। क्योंकि शिंदे के सियासी शक्ति परीक्षण की यह पहला मौका होगा। लेकिन पूर्व में शिंदे ने साफ कहा था वह बीजेपी के साथ मिलकर ही निकाय चुनाव लड़ेगें। शिंदे ने कहा था मूल शिवसेना ही बीजेपी के साथ मिलकर मुंबई सहित कई महानगरपालिकाओं में चुनाव लड़ेगा वह जीतेंगा भी।
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आपको बता दे की अगले साल देश की सबसे अमीर महानगरपालिका मुंबई में निकाय चुनाव होने वाले हैं, जिसमें शिंदे व बीजेपी को उद्धव गुट के साथ ही कांग्रेस राकांपा जैसे दलों से चुनौती मिलने वाली हैं। नागपुर में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए फडणवीस ने स्पष्ट किया की शिंदे खेमा बीजेपी से अलग होकर कुछ निकाय चुनाव में अकेला ही चुनाव लड़ेगा।  जबकि अन्य निकाय चुनावों में गठबंधन होगा ।
हमें अदालत के फैसले का इंतजार, सुप्रीमकोर्ट में दी गई हैं निकाय चुनाव को चुनौती 
नागपुर में भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा निकाय चुनावों की घोषणा की जाएगी, लेकिन इससे पहले भी निकाय चुनाव को तारीखों को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी गई हैं। इसके लिए हमें सु्प्रीमकोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा।  बता दे की पूर्व में सुप्रीमकोर्ट ने निकाय चुनाव में कोटा लागू किए जाने वाले प्रयास को खारिज कर दिया था।  जिसके परिपेक्ष में कोर्ट से राज्य ने चुनाव के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। लेकिन अदालत ने सुनवाई के दौरान इसे खारिज कर दिया था।  सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा थी कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव बिना किसी कोटा के हो।
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