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Mahashivratri 2024: भगवान शिव के व्यक्तित्व से उनके कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन में आने वाली हर कठिनाई का सामना एक कुशल योद्धा के रूप में कर पाएंगे। इस महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ के गुणों के बारे में जानिए, जिसे अपने व्यक्तित्व में शामिल करके आदर्श जीवन जी सकते हैं।
Highlights
महाशिवरात्रि का पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह के उपलक्ष्य में मनाते हैं। भगवान भोलेनाथ ने गृहस्थ जीवन जिया, साथ ही संस्यासी की तरह भी रहे। शरीर पर कपड़ों की जगह जानवरों की खाल, महलों में रहने की बजाए कैलाश पर्वत पर बर्फीले और सर्द माहौल में परिवार संग रहे। तरह-तरह के लजीज भोज की बजाए भांग धतूरा खाकर मस्त रहते। ऐसे हैं भोले भंडारी का जीवन। हालांकि सांसारिक चीजों से दूर रहने वाले भगवान शिव का व्यक्तित्व बहुत ही सरल माना जाता है। वह अपने भक्तों पर तुरंत खुश हो जाते हैं, तो वहीं रुष्ट भी बहुत जल्दी होते हैं।
इस ब्रह्मांड के सबसे बड़े योगी भगवान शिव को माना जाता है। हर परिस्थिति में खुद पर काबू रखना आसान नहीं होता लेकिन महादेव जब भी ध्यान पर बैठते तो दुनिया इधर से उधर हो जाए उनका ध्यान कोई भंग नहीं कर सकता है। उनके ध्यान को ही भंग करने के लिए एक बार देवताओं ने कामदेव को भेजा था।
महादेव का एक गुण नकारात्मकता में रहते हुए भी सकारात्मक बने रहना है। जब समुद्र मंथन से विष बाहर आया तो सभी ने कदम पीछे कर लिए लेकिन महादेव ने स्वयं विष पिया। उनका यह गुण सिखाता है कि जीवन में नकारात्मकता आती है, लेकिन उससे गुजरते हुए सकारात्मक बने रहना चाहिए।
महादेव की जीवनशैली या उनके अवतारों को उन्होंने बिल्कुल अलग तरीके से जिया। कभी तांडव करते हुए नटराज हो गए तो कभी विष पीने वाले नीलकंठ, मां पार्वती को अपने में समाहित कर अर्धनारीश्वर हो गए तो कभी सबसे पहले प्रसन्न हो जाने वाले भोलेनाथ बन गए। अपने जीवन को खुलकर जिए, हर भावना को सही समय पर अभिव्यक्त करें।
महादेव के संपूर्ण रूप को देखकर पता चलता है कि जिन चीजों को लोग अपने करीब देखना भी नहीं चाहते, उन्हें शिवजी ने बहुत सरलता से अपनाया है। गले में सर्पों की माला, शरीर पर भभूत, आसपास नंदी और भूतों की मंडली ये सब शिवजी के साथ हमेशा रहते हैं। इससे संदेश मिलता है कि दिखने में बुरा हकीकत में बुरा नहीं होता, बस उसे अपनाना होगा।
शिवजी के गुणों में से एक अपनी प्राथमिकताओं को समझना है और उनके अनुरूप कार्य करना है। महादेव अपने परिवार जैसे माता पार्वती, पुत्र कार्तिक और गणेश जी को प्राथमिकता देते हैं, साथ ही देवतागण और भक्तों को भी अपने जीवन में महत्व देते हैं।