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मुंबई हमले के मुख्य षड्यंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त, उन्हें दंडित नहीं किया गया - जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के परिणाम को दूसरों की तुलना में कहीं बेहतर समझता है।

05:15 AM Oct 29, 2022 IST | Shera Rajput

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के परिणाम को दूसरों की तुलना में कहीं बेहतर समझता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के परिणाम को दूसरों की तुलना में कहीं बेहतर समझता है।
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विदेश मंत्री ने कहा कि जब कुछ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया गया, तो कुछ मामलों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ‘‘राजनीतिक कारणों से, खेदजनक रूप से’’ कार्रवाई नहीं कर सकी। उन्होंने चीन का स्पष्ट रूप से संदर्भ देते हुए यह कहा, जिसने कई मौकों पर पाकिस्तानी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूएनएससी में लाये गये प्रस्तावों में रोड़ा अटकाया है।
विदेश मंत्री ‘‘आतंकी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मुकाबला’’ विषय पर यहां आयोजित एक विशेष बैठक में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम के पहले चरण का आयोजन दक्षिण मुंबई में ताज महल पैलेस होटल में आयोजित किया जा रहा है। आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को किए गये हमलों के दौरान इस होटल को भी निशाना बनाया था।
जयशंकर ने कहा कि चूंकि आतंकी संगठनों को अपने संचालन एवं गतिविधियों के लिए धन और संसाधनों की जरूरत होती है, ऐसे में आतंकवाद के वित्त पोषण पर रोक लगाना इस बुराई (आतंकवाद) से निपटने का एक अहम पहलू है।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद ने विश्व के कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है लेकिन भारत इसके परिणाम को अन्यों की तुलना में कहीं ज्यादा समझता है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘एक आतंकवादी (अजमल कसाब) को जीवित पकड़ लिया गया, भारत के उच्चतम न्यायालय ने उसे अभियोजित किया और सजा सुनाई, जबकि मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षडयंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि यह हमला ना सिर्फ मुंबई पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था।
उन्होंने कहा, ‘‘दशकों से हो रहे सीमा पार से आतंकवाद ने इससे (आतंकवाद से) लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता को ना तो कमजोर किया है, ना कर पाएगा। हमें इस समस्या से निपटने के लिए राजनीतिक मतभेदों को दूर रखना होगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को सभी मोर्चों पर, सभी परिस्थितियों में और सभी स्थानों पर दृढ़ता से लड़ना होगा।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘26/11 (26 नवंबर 2008) आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारी अब भी सुरक्षित हैं तथा उन्हें सजा नहीं मिली है।’’
जयशंकर ने कहा कि यह स्थिति सामूहिक विश्वसनीयता और सामूहिक हित को कमतर करती है।
उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘बल्कि आतंकवादियों ने इस पूरे शहर को बंधक बना लिया था और आतंकवादी सीमा पार से घुसे थे।’’ उन्होंने कहा कि इन हमलों में 140 भारतीय नागरिक और 23 देशों के 26 लोग मारे गये थे।
जयशंकर के साथ गैबोन के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष माइकल मूसा ने यहां ताज महल पैलेस होटल में 26/11 आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, पहले से रिकार्ड एक संदेश में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उनके देश ने इस हमले में अपने छह नागरिकों को खो दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई हमले की साजिश रचने वालों को न्याय के दायरे में लाने के लिए हमले के पीड़ितों और हर जगह के लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी बनती है। अमेरिका 14 वर्षों से भारत के साथ मिल कर इसी पर काम कर रहा है, क्योंकि जब हम इन हमलों के साजिशकर्ताओं को सज़ा नहीं होने देते हैं, तो हम हर जगह आतंकवादियों को यह संदेश देते हैं कि उनके जघन्य कृत्यों को बर्दाश्त कर लिया जाएगा।’’
कार्यक्रम में, मुंबई में चीन के वाणिज्य दूतावास के उप महावाणिज्य दूत वांग यानहुआ ने कहा कि आतंकवाद कोई सरहद नहीं मानता और देशों को इसका मुकाबला करने के लिए साथ मिल कर काम करना चाहिए।
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