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मलयालम सिनेमा के दिग्गज M.T. Vasudevan Nair का निधन, 91 की उम्र में ली आखिरी सांस

मलयालम सिनेमा के महानायक M.T. Vasudevan Nair का निधन

06:04 AM Dec 26, 2024 IST | Anjali Dahiya

मलयालम सिनेमा के महानायक M.T. Vasudevan Nair का निधन

मलयालम सिनेमा के दिग्गज m t  vasudevan nair का निधन  91 की उम्र में ली आखिरी सांस
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मलयालम लेखक और पटकथा लेखक एमटी वासुदेवन नायर का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मलयालम में इमोशनल गानों के बादशाह एमटी वासुदेवन नायर का बुधवार को कोझिकोड में निधन हो गया। पिछले ग्यारह दिनों से लेखक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के कारण दिवंगत लेखक ने बुधवार को अंतिम सांस ली। ‘नालुकेट’, ‘रंदामूझम’, ‘वाराणसी’ और ‘स्पिरिट ऑफ डार्कनेस’ जैसी उनकी कृतियों ने उन्हें साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

केरल सरकार ने की शोक की घोषणा

केरल सरकार ने मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर 26 और 27 दिसंबर को आधिकारिक शोक घोषित किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सम्मान स्वरूप 26 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक समेत सभी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्देश दिया है। ये जानकारी सीएमओ से जारी की गई है।

एमटी का जन्म पलक्कड़ के पास कूडलूर में हुआ था

एमटी वासुदेवन नायर का जन्म जुलाई 1933 में पलक्कड़ के पास कूडलूर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मलमलकव एलपी स्कूल और कुमारनल्लूर हाई स्कूल से प्राप्त की और फिर विक्टोरिया कॉलेज से रसायन विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की। ​​स्नातक करने के बाद वे शिक्षक बन गए, लेकिन उनकी साहित्यिक यात्रा तब शुरू हुई जब उनकी कहानियाँ जयकेरलम पत्रिका में प्रकाशित होने लगीं। इसी दौरान उनका पहला कहानी संग्रह ‘ब्लडी सैंड्स’ भी प्रकाशित हुआ।

बेहतरीन फिल्मों के रहे निर्माता

मलयालम और बंगाल का साहित्य और सिनेमा के प्रति प्रेम हमेशा से मशहूर रहा है, जहां लोग अपने लेखकों और फिल्म निर्माताओं का बहुत सम्मान करते हैं। मलयालम साहित्य और सिनेमा की एक ऐसी ही शख्सियत हैं एमटी वासुदेवन नायर, जिन्हें उनके प्रशंसक प्यार से सिर्फ़ एमटी कहते हैं। वे एक साथ कहानीकार, पटकथा लेखक, अभिनेता और निर्देशक रहे हैं। उनकी फिल्मों ने मलयालम सिनेमा की परंपराओं को आगे बढ़ाया और नए प्रयोग किए। एम.टी. के सिने-लेखक व्यक्तित्व ने उन्हें न केवल साहित्य जगत में बल्कि फिल्म जगत में भी महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

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