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हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया था, जो मालदीव के मंत्रियों को रास नहीं आया था। बता दें मालदीव के मंत्रियों ने पीएम मोदी के पोस्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। जिसके बाद से ही भारत (India) और मालदीव (maldives) के रिश्ते खटास में पड़ गए। चीन समर्थित मुइज्जू के मालदीव में राष्ट्रपति चुनने के बाद से ही भारत-मालदीव के बीच रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है। 'इंडिया आउट' का नारा देने वाले मुइज्जू राष्ट्रपति बनने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा पर चीन गए थे। पिछले कुछ दिनों से मालदीव जानबूझकर लगातार भारत को लेकर बखेड़ा खड़ा कर रहा है।
दरअसल, भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच दोनों देशों ने शुक्रवार को दूसरे दौर की बातचीत की।जिसमें भारतीय सैनिकों को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई थी। बता दें पहले दौर की कोर ग्रुप की बैठक में ठोस परिणाम न निकलने के कारण दूसरी कोर ग्रुप की बैठक आयोजित की गई थी। मालदीव ने दावा किया कि भारत के साथ सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है, हालांकि भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। इसी बीच, एक तरह बातचीत का राग अलापने वाला मालदीव नया बखेड़ा खड़ा कर रहा है।
बता दें अब मालदीव सरकार ने आरोप लगाया है कि भारतीय तट रक्षक कर्मी उनके विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर काम करने वाले तीन मालदीव के मछली पकड़ने वाले जहाजों पर सवार हो गए थे। इस घटना को लेकर मालदीव भारत सरकार से घटना का व्यापक विवरण देने की मांग कर रहा है। हालांकि मालदीव के इन आरोपों पर भारत सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया समाने नहीं आई है।
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में दावा किया कि 31 जनवरी को भारतीय सेना ने मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर मछली पकड़ने की गतिविधियों में लगी एक मालदीव की मछली पकड़ने वाली नाव को रोक लिया, जो कि धिधधू, हा अलीफू एटोल से 72 समुद्री मील उत्तर पूर्व में स्थित है। मालदीव ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।