मांझी ने एक बार फिर दिया भड़काऊ बयान, कहा- हिंदू समाज दलितों के साथ करता है ‘‘गुलामों’’ जैसा व्यवहार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को दावा किया कि हिंदू समाज दलितों के साथ ‘‘गुलामों’’ जैसा व्यवहार करता है, विशेष रूप से पुरोहित वर्ग उन्हें अछूत मानता है।
05:14 PM Nov 05, 2022 IST | Desk Team
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को दावा किया कि हिंदू समाज दलितों के साथ ‘‘गुलामों’’ जैसा व्यवहार करता है, विशेष रूप से पुरोहित वर्ग उन्हें अछूत मानता है।उनके इस बयान से एक नया विवाद खड़ा हो गया है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख हैं जो राज्य में सत्ताधारी ‘‘महागठबंधन’’ का हिस्सा है।
Advertisement
दलितों ने महागठबंधन के पक्ष में किया मतदान
मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD ) प्रत्याशी की जीत का अनुमान व्यक्त करते समय मांझी ने यह बयान दिया। इन दोनों सीट पर उपचुनाव के परिणाम रविवार को घोषित किये जाएंगे।मांझी ने दावा किया कि दोनों सीटों पर दलितों ने बड़ी संख्या में सात दलों के महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया है। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘महागठबंधन’ में शामिल हुए थे।जद-यू ने इस साल की शुरुआत में बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ लिया था।
कई बार दे चुका है इस तरह के बयान
Advertisement
संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ‘हिंदुत्व कार्ड’ खेलकर दलित वोटों में सेंध लगाने में कामयाब रही है, मांझी ने कहा, ‘‘ मैं दलितों से कहता रहा हूं कि आप खुद को हिंदू समझते हैं, लेकिन पिछले 75 सालों से आपको गुलाम समझकर व्यवहार किया गया। पुरोहित वर्ग आपके घर पर अनुष्ठान करने के प्रति अनिच्छुक रहा है और यदि अनुष्ठान कर भी देते हैं तो आपका दिया गया भोजन स्वीकार नहीं करते। हालांकि, बहुत से ऐसे ब्राह्मण हैं जो मांस-मदिरा का सेवन करते हैं।’’खुद को आंबेडकर का अनुयायी बताने वाले मांझी इस तरह के बयान कई बार दे चुके हैं।
BJP ने मांझी पर साधा निशाना
इस बीच बीजेपी की बिहार इकाई के प्रवक्ता एवं ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा कि जीतन राम मांझी एक सम्मानित और बुजुर्ग नेता हैं और उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए जिससे हिंदुओं का अपमान हो और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचे।आनंद ने कहा, ‘‘यदि मांझी खुद को हिंदू नहीं समझते तो उन्हें अपनी धार्मिक पहचान स्पष्ट करनी चाहिए। यदि तिलक लगाने से उन्हें परेशानी होती है, तो क्या वह सिर पर टोपी लगाना चाहते हैं।’’
बीजेपी के एक अन्य प्रवक्ता राम सागर सिंह और अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि मांझी को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।मांझी की पार्टी के मुख्य प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बीजेपी पर पलटवार किया। रिजवान ने चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी अपनी राजनीतिक ताकत का उपयोग न्यायपालिका में आरक्षण देने समेत शीर्ष नौकरशाही में दलितों को अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए करके दिखाए।
Advertisement