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'Udaipur Files' के खिलाफ मौलाना अरशद मदनी ने IB मिनिस्ट्री में दाखिल की अपील

10:53 AM Jul 15, 2025 IST | Neha Singh
 udaipur files  के खिलाफ मौलाना अरशद मदनी ने ib मिनिस्ट्री में दाखिल की अपील
Maulana Arshad Madni

Udaipur Files: राजस्थान के कन्हैयालाल मर्डर पर आधारित 'उदयपुर फाइल्स' के ऊपर सियासत जारी है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने हिंदी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। प्रदर्शन पर रोक लगाने और सेंसर बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्र पर पुनर्विचार के लिए अपील दायर करने के न्यायालय के निर्देशानुसार, सोमवार (14 जुलाई, 2025) को मौलाना अरशद मदनी के वकीलों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के समक्ष अपील दायर की है।

फिल्म निर्माता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

संभावना है कि मंत्रालय आने वाले दिनों में इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है। इस बीच, फिल्म निर्माता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। आज न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने फिल्म निर्माता के वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की पुष्टि की है।

अरशद मदनी ने लगाए ये आरोप

रविवार रात को सुप्रीम कोर्ट में मौलाना अरशद मदनी द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, यानी अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौलाना अरशद मदनी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलें भी सुनी जाएंगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में मौलाना मदनी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 'उदयपुर फाइल्स' जैसी फ़िल्में समाज में नफ़रत और विभाजन को बढ़ावा देती हैं और इसके प्रचार से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो सकती है।

भारत की बदनामी का डर

याचिका में आगे लिखा गया है कि हमारा देश सदियों से गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक रहा है, जहाँ हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते आए हैं। ऐसी फ़िल्में देश की सांप्रदायिक एकता के लिए गंभीर ख़तरा पैदा कर सकती हैं। यह फ़िल्म पूरी तरह से नफ़रत पर आधारित है और इसके प्रदर्शन से देश में शांति और व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि सरकार को यह भी याद दिलाया गया है कि नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान के कारण भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले ही बदनामी हो चुकी है, जिसके कारण भारत सरकार को राजनयिक स्तर पर स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा कि भारत सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान करता है।

ये भी पढ़ेंः-‘उदयपुर फाइल्स’ को मिली नई आशा, सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार

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