भारत ने संकट में हर संभव मदद की, PM modi की Maldives यात्रा से पहले मौमून की टिप्पणी
PM modi जल्द ही अपनी दो दिवसीय मालदीव यात्रा पर जा रहे हैं। इससे पहले, Maldives की पूर्व विदेश मंत्री दुन्या मौमून ने भारत और मालदीव के पुराने और मजबूत रिश्तों पर अपनी राय रखी। उन्होंने भारत द्वारा समय-समय पर की गई मदद को याद करते हुए दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा जताई।
दुन्या मौमून ने भारत की मदद को याद करते हुए कहा कि जब Maldives को जल संकट का सामना करना पड़ा था, तब भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आया था। उन्होंने 1988 में मालदीव में हुए तख्तापलट के प्रयास और 2004 की सुनामी के समय भारत की तत्परता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "भारत हमेशा मुश्किल समय में मालदीव की मदद करने वाला देश रहा है।"
भारत की क्षेत्रीय भूमिका को बताया अहम
पूर्व विदेश मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका पर बात करते हुए कहा कि भारत क्षेत्र का सबसे बड़ा देश है, इसलिए उस पर यह जिम्मेदारी है कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अन्य छोटे देशों की बातों और नजरियों का भी सम्मान करना चाहिए।
राजनयिक विवाद पर प्रतिक्रिया
2023 की शुरुआत में भारत और Maldives के बीच कुछ राजनयिक तनाव देखने को मिला था। इसकी वजह कुछ मालदीवी अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियाँ थीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मौमून ने कहा कि उन्होंने उन अपमानजनक बयानों के खिलाफ आवाज उठाई थी और यह घटनाएं भारत-मालदीव के ऐतिहासिक रिश्तों के अनुरूप नहीं थीं।
पर्यटन में भारत की भूमिका
मौमून ने यह भी बताया कि Maldives की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सबसे अहम सेक्टर है, और भारत हमेशा एक भरोसेमंद साथी रहा है। उन्होंने कहा कि भारत से लगातार बड़ी संख्या में पर्यटक मालदीव आते हैं, जिससे देश को लाभ होता है। उन्होंने भारत के सहयोग को सराहनीय बताया।
कोविड-19 के समय भारत की मदद
कोरोना महामारी के समय भारत ने Maldives को वैक्सीन भेजी थी। मौमून ने कहा कि उस कठिन समय में भारत की यह सहायता मालदीव के लोगों के लिए बहुत मायने रखती थी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि महामारी के दौरान भी भारतीय पर्यटक मालदीव आते रहे, जिससे पर्यटन उद्योग को सहारा मिला।
भविष्य के रिश्तों पर भरोसा
भविष्य की बात करते हुए मौमून ने दोनों देशों के बीच लोगों के स्तर पर संबंध मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कई मालदीवी नागरिक इलाज के लिए भारत आते हैं, इसलिए भारत और मालदीव के बीच यात्रा, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाना जरूरी है।
PM modi की यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 25 जुलाई से 26 जुलाई तक होगी। वह Maldives के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं और 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर ‘मुख्य अतिथि’ होंगे। यह मोदी की तीसरी मालदीव यात्रा होगी और मुइज़्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा होगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई 2025 को Maldives की यात्रा पर जा रहे हैं. वो यहां मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह में ‘विशेष अतिथि’ के रूप में शामिल होंगे. यह उनकी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू के सत्ता संभालने के बाद मालदीव की पहली राजकीय यात्रा होगी। यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे हो रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, PM modi की यह मालदीव की तीसरी यात्रा होगी और राष्ट्रपति मुइज़ू के कार्यकाल में किसी भी देश के प्रमुख की यह पहली यात्रा है। यह दोनों देशों के मजबूत होते संबंधों को दर्शाती है। भारत हमेशा से ‘पड़ोसी पहले’ नीति पर काम करता आया है और मालदीव उसका अहम समुद्री पड़ोसी है।
विकास और सहयोग पर जोर
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे आपसी सहयोग और विकास में तेजी आएगी। भारत मालदीव में बुनियादी ढांचे जैसे बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, आवास, अस्पताल और जल व्यवस्था के क्षेत्र में काम कर रहा है।