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तेजी से बढ़ती मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, भारत में एक संपूर्ण बदलाव

04:49 PM Dec 10, 2025 IST | Bhawana Rawat

Media And Entertainment Industry: मीडिया लोकतंत्र का एक मज़बूत स्तंभ है। शुरू से ही समाचार पत्र, सरकारी रेडियो आकाशवाणी या दूरदर्शन यह लोगों तक जानकारी पहुंचाने का मुख्य माध्यम रहा है। लेकिन आज का मीडिया-एंटरटेनमेंट परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है।

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Media's Journey: परंपरागत से डिजिटल तक

Media's Journey (Image- Social Media)

पहले जहां समाचार पत्र, रेडियो और दूरदर्शन ही मीडिया थे, वहीं अब एफएम रेडियो, सैटेलाइट न्यूज चैनल, इंटरनेट-आधारित न्यूज़ और मनोरंजन प्लेटफार्मों ने मीडिया की दुनिया बदल दी है। प्राइवेट एफएम रेडियो और न्यूज़ चैनलों ने पारंपरिक सरकारी मीडिया का प्रभुत्व ख़त्म कर दिया है।

लेकिन असली छलांग आई स्मार्टफोन और सस्ते डेटा के साथ। जैसे ही मोबाइल फोन सस्ते हुए और डेटा सुलभ हुआ, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने असाधारण गति से जगह बनाई। अब चाहे छोटे-छोटे गांव हों या बड़े शहर हर कोई, किसी भी क्षेत्र का युवा, अपने विचार, खबर, कला या मनोरंजन अपने फोन से ही दुनिया के सामने रख सकता है।

YouTube, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, ब्लॉग, डिजिटल न्यूज़ साइट इन सबने पारंपरिक मीडिया को पीछे छोड़ दिया है। छोटा-सा यूट्यूबर, लोक-कला, लोक-कथाएं, संगीत, नाटक, व्लॉग्स आदि लेकर आए और देखते ही देखते लाखों-करोड़ों व्यूज मिलने लगे। ऐसे में टैलेंट को दिखने और मापने का मंच पहले जैसा नहीं रहा इतना व्यापक, इतना तेज़ और इतना लोकतांत्रिक हो गया है।

एंटरटेनमेंट व इवेंट उद्योग का वृहद विस्तार

मीडिया के विकास के साथ ही एंटरटेनमेंट और इवेंट उद्योग ने भी भव्य रूप ले लिया है। अब यह सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं, बल्कि व्यापार, संस्कृति, निवेश, राजनीतिक संवाद और जन-संपर्क का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है।

देश में बड़े स्तर पर कन्वेंशन-सेंटर और इवेंट वेन्यूज बनाए गए हैं, जिनमें आधुनिक सुविधाएं, विशाल हॉल, सम्मेलन कक्ष, मेट्रो/सड़क कनेक्टिविटी, पार्किंग आदि मौजूद हैं ताकि बड़े पैमाने पर कार्यक्रम, एक्सपो, शिखर सम्मेलन, सांस्कृतिक-मनोरंजन इवेंट आदि आयोजित हो सकें।

सरकार द्वारा विशाल रूप में इवेंट/ कन्वेंशन-सेंटर्स का निर्माण शुरू किया गया

Media And Entertainment Industry (Image- Social Media)

इन वेन्यूज़ की आधुनिक सुविधाओं, कंस्ट्रक्शन, आर्किटेक्चर एवं सुगम पहुँच ने इवेंट इंडस्ट्री को एक नए स्तर पर पहुंचाया है।

आर्थिक विस्तार और रोज़गार- EY तथा फिक्की की रिपोर्ट

Media And Entertainment Industry (Image- Social Media)

मोबाइल-इंटरनेट, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ऑनलाइन प्लेटफार्म, इवेंट्स इन सभी ने मीडिया-एंटरटेनमेंट उद्योग को नए आयाम दिए हैं। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार: 2023 में भारतीय M&E सेक्टर 8% की वृद्धि के साथ लगभग ₹2.3 ट्रिलियन तक पहुंच गया। 2024 में यह उद्योग ₹2.5 ट्रिलियन का हो गया, यानि 3.3% वृद्धि दर्ज हुई।

इस दौरान डिजिटल मीडिया (डिजिटल न्यूज़, सोशल मीडिया, ऑनलाइन वीडियो) पहली बार टीवी और परंपरागत माध्यमों को पीछे छोड़ते हुए M&E इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सेगमेंट बन गया। 2024 में विज्ञापन (Advertising) में 8.1% की वृद्धि हुई और आयोजन-इवेंट्स (Live Events / Organized Events) में 15% की वृद्धि, जिसके कारण आयोजनों से होने वाली कमाई पहली बार ₹10,000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई।

रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि आने वाले वर्षों में यह उद्योग और तेजी से बढ़ेगा। अनुमान है कि 2025 तक यह ₹2.7 ट्रिलियन तक, और 2027 तक ₹3.1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है। इस प्रकार केवल मीडिया नहीं बल्कि इवेंट्स, एक्सपो, कॉन्फ्रेंस, लाइव-शो, डिजिटल कंटेंट, ऑनलाइन कलाकार, इवेंट मैनेजमेंट, प्रोडक्शन, एडिटिंग, मार्केटिंग आदि में भी नए रोजगार और व्यवसाय के अवसर उत्पन्न हुए हैं।

Media And Entertainment Industry (Image- Social Media)

सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन और लोकतांत्रिक असर

डिजिटल प्लेटफार्म और सोशल मीडिया ने जनशक्ति को सजग और सशक्त बनाया है। अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं निर्माता भी जनता में से निकल रहे हैं। वे अपनी आवाज, विचार, कला, संस्कृति और मुद्दों को खुद सामने ला पा रहे हैं।

इवेंट इंडस्ट्री ने देश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने, संवाद स्थापित करने, लोक-कला, संस्कृति, व्यापार, निवेश और सामाजिक जागरूकता के लिए मंच प्रदान किया है। बड़ी सभाएँ, सम्मेलन, व्यापार-मेलें, सांस्कृतिक प्रदर्शन, युवा-कार्यक्रम इन सबने हमारे समाज में भागीदारी की भावना को मजबूत किया है।

Media & Entertainment: केवल मनोरंजन नहीं, विकास की नींव

Media & Entertainment (Image- Social Media)

आज भारत का मीडिया-एंटरटेनमेंट उद्योग सिर्फ खबर या मनोरंजन देने तक सीमित नहीं रहा। वह आर्थिक विकास, रोजगार, सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक उन्नयन, जन-भागीदारी, सूचना-स्वतंत्रता सबका एक केंद्र बन चुका है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मीडिया और एंटरटेनमेंट अब भारत के विकास का एक शक्तिशाली और अनिवार्य स्तंभ बन चुके हैं।

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कुछ लोग कहने लगे हैं कि अब प्रिंट मीडिया का भविष्य अच्छा नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है। आज भी सुबह सुबह अखबार ना मिले तो दिन की शुरुआत नहीं होती। चाय की चुस्कियों के साथ समाचार पत्र में छपी खबर पूर्णतः विश्वसनीय लगती हैं।

रिपोर्ट- मुकेश गुप्ता (CMD Graphisads)

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