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मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार राज्य के शराबबंदी कानून की समीक्षा करेगी, जिसके तहत कुछ क्षेत्रों को छोड़कर राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आबकारी मंत्री लालघिंगलोवा हमार ने विधानसभा में बुधवार को यह जानकारी दी। मिजोरम शराब (निषेध) अधिनियम, 2019 पिछली मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार द्वारा पेश किया गया था।
आबकारी मंत्री ने विधानसभा में कहा, ‘‘मौजूदा शराबबंदी कानून का मूल्यांकन और जांच चल रही है। जरूरत पड़ने पर इस कानून की समीक्षा की जायेगी।
यह कानून राज्य के दक्षिणी भाग में तीन स्वायत्त जिला परिषदों के क्षेत्रों में लागू नहीं है। लालघिंगलोवा हमार ने विपक्षी एमएनएफ के लालछंदामा राल्ते के एक सवाल के जवाब में कहा कि कि सरकार आबकारी विभाग के बल को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। शक्तिशाली गिरिजाघरों और समुदाय-आधारित संगठनों द्वारा कड़े निषेध कानून का समर्थन करने के कारण, भारत की आजादी के बाद से ही मिजोरम में लगभग हर समय शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध रहा है।
मिजोरम शराब पूर्ण निषेध अधिनियम, 1995 को 20 फरवरी, 1997 को लागू किया गया था, जिससे शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था। जनवरी 2015 में, एक नया कानून अधिसूचित किया गया, जिसने राज्य में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी थी। एमएनएफ ने राज्य में सत्ता में आने के बाद अपने चुनावी वादे के बाद यह नीति बदल दी और फिर से शराबबंदी कानून लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए।