For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

मोदी सरकार की शिक्षा परफॉर्मेंस नम्बर वन

04:30 AM Jul 20, 2025 IST | Editorial
मोदी सरकार की शिक्षा परफॉर्मेंस नम्बर वन

पिछले 11 सालों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। चाहे वो नीतियों में बड़े सुधार हों, नए संस्थानों की शुरुआत हो, डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल हो या शिक्षा को वैश्विक स्तर तक ले जाने की बात—हर कदम एक साफ़ दिशा की ओर बढ़ा है, जिसका मकसद है एक ज्ञान-आधारित, सशक्त समाज बनाना। 2014 से शुरू हुई यह यात्रा सिर्फ सुधार नहीं, एक नई सोच लेकर आई है कि शिक्षा का असली मतलब क्या होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की यह ड्रीम टीम सिर्फ पुरानी गड़बड़ियों को ठीक ही नहीं कर रही है, बल्कि देश के युवाओं को वैश्विक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने लायक भी बना रही है।
इस बदलाव की सबसे अहम कड़ी है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जो पिछले 34 सालों बाद भारत की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह नए सिरे से गढ़ती है। यह नीति समग्र, समावेशी और कौशल-आधारित शिक्षा पर आधारित है। इसमें नया 5+3+3+4 ढांचा लागू किया गया है, जिससे बच्चों की उम्र और विकास के अनुसार पढ़ाई को ढाला गया है। इसके तहत बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई का मौका, प्रयोगधर्मी और अनुभव-आधारित शिक्षा, और बहुभाषा सीखने पर ज़ोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के लागू होने से देश भर के क्लासरूम्स बदल रहे हैं। ‘जादुई पिटारा’ जैसी पहलों से प्री-प्राइमरी स्तर पर सीखना आसान बना है। स्कूलों में कोडिंग, डिज़ाइन थिंकिंग और वित्तीय साक्षरता जैसे विषयों को जोड़ा गया है। निपुण भारत मिशन के ज़रिए छोटे बच्चों में पढ़ने और गणना की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। पहले जो शिक्षा रट्टा आधारित थी, अब वह बच्चों को सोचने और समझने वाली बना रही है।
लंबे समय तक भाषा का अभिजात्य रवैया शिक्षा से लाखों बच्चों को दूर रखता था। अब यह बाधा तोड़ी जा रही है। 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 104 किताबें स्थानीय भाषाओं में तैयार की गई हैं, और पहली बार कक्षा 1 से 12 तक के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा भी विकसित की गई है।
मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि यह रही है कि उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या 2014 के 760 से बढ़कर 2024 में 1213 हो गई—यानि 60 प्रतिशत की वृद्धि। कॉलेजों की संख्या भी 21 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ी है। इसका मतलब है कि शिक्षा अब सिर्फ शहरों में नहीं, गांव-गांव तक पहुंच रही है। इस दौरान सरकार ने 42 नए केंद्रीय संस्थान शुरू किए।
लड़कियों की शिक्षा और आर्थिक मदद दी गई है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं ने सच में असर दिखाया है। लड़कियों का सेकेंडरी एजुकेशन में एनरोलमेंट 75.5 प्रतिशत से बढ़कर 78 प्रतिशत हुआ है। (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी 23 प्रतिशत बढ़ी है। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमें गरीब परिवारों की लड़कियों को पढ़ाई का मौका दे रही हैं। आज के दौर में केवल पढ़ाई काफी नहीं, स्किल ज़रूरी है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1.63 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है। आईटीआई संस्थानों की संख्या 46 प्रतिशत बढ़ी है जिससे गांव-कस्बों के छात्रों को भी आधुनिक तकनीकी शिक्षा मिल रही है।
भारत प्राचीन समय में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों के लिए जाना जाता था। अब हम उस विरासत को फिर से जगा रहे हैं। विश्व रैंकिंग में भारत की 54 संस्थाएं 2026 में शामिल हैं, जबकि 2015 में सिर्फ 11 थीं। हमारे आईआईटीएस की औसत रैंक 224 से घटकर 186 हो गई है, यानि वैश्विक स्तर पर बड़ी छलांग।
एक और बड़ा सुधार है परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों पर सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति। पब्लिक एग्ज़ामिनेशन (अनफेयर मीन्स रोकथाम) कानून 2024 के तहत पेपर लीक करने वालों को 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, साथ ही संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी में सुधार करेगी। अब नकल माफिया और राजनीतिक संरक्षण वाले गिरोहों पर लगाम कसने से यह साबित होता है कि सरकार योग्यता और ईमानदारी को सबसे ऊपर मानती है।
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा नीति को लागू कराने, संस्थानों तक पहुंच बढ़ाने, क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और डिजिटल शिक्षा को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनकी मेहनत से यह नीति सिर्फ कागज़ों में नहीं रह गई, बल्कि स्कूलों, कॉलेजों और गांवों तक असर दिखा रही है।

-   शहज़ाद पूनावाला

(राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय जनता पार्टी)

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×