ट्रंप के टैरिफ बाउंसर पर मोदी ने छक्का जड़ दिया!
यह जानते हुए कि भारत का एक बहुत बड़ा बिजनेस पार्टनर अमेरिका है, जिस प्रकार का बर्ताव अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किया है, वह न केवल निंदनीय है, बल्कि वांछनीय है। क्योंकि भारत ने सदा ही अमेरिका और ट्रंप का भरपूर साथ दिया है, चाहे वह गुजरात के मोदी स्टेडियम में उनका हार्दिक अभिनंदन हो या संयुक्त राष्ट्र संघ में हिमायत करना, मगर हाल िफलहाल में ट्रंम ने जिस तरह से भारत को धोखा दिया है, उससे पूरे भारत के लोग क्षुब्ध हैं।
इसके अतिरिक्त, जिस प्रकार से ट्रंप ने 26 भारतवासियों के नरसंहार के विलेन, आसिम मुनीर के साथ दावत खाकर पाकिस्तान को आईएमएफ फंड की बड़ी रक़म दे कर और 42 हज़ार करोड़ की मदद तेल निकालने की सहायता का दावा कर भारतीय जनता के दिलों पर कुठाराघात किया उससे उनकी पलटू दादा की छवि पर ठप्पा लग गया है। स्वयं उनकी अपनी जनता उन्हें ज्यादा विश्वसनीय नहीं मानती। वहीं भारतीय जनता के निकट वह एक धोखेबाज की छवि में अपना स्थान बना चुके हैं।
विपक्ष के नेता इस संदर्भ को लेकर मोदी के विरुद्ध नाना प्रकार के मोर्चे खोलने में लगे हुए हैं कि वे ट्रंप को झूठा नहीं कह रहे, जब उन्होंने कहा कि भारत-पाक युद्ध उन्होंने रुकवाया, जबकि यह पाकिस्तान सेना के डीजीएमओ ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस के आगे हाथ जोड़े थे कि भारत से युद्ध विराम की विनती की जाए। लोग सोचते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को बड़े ज़ोरदार तरीके से ट्रंप को झाड़ लगानी चाहिए थी, मगर मोदी एक सुलझी हुई तबियत के विश्व स्तरीय नेता हैं, न कि ट्रंप की तरह अलट-पलट करने वाले व्यक्ति। यूक्रेन और पूर्व मध्य एशिया में युद्ध को लेकर बहुत से देशों के लिए ट्रंप संवेदनहीन व्यक्ति हैं, जैसे ईरान से बातचीत चलते रहते उन्होंने हमला कर दिया। उनका मामला ऐसा ही है, जैसे उर्दू का मुहावरा है, घड़ी में तोला, घड़ी में माशा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% वाले टैरिफ बम के बीच पीएम मोदी ने बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की धरती से साफ किया कि हम उन वस्तुओं को खरीदेंगे जिसे बनाने में किसी न किसी भारतीय का पसीना बहा है। उन्होंने दुकानदारों से भी स्वदेशी चीजें बेचने की अपील की है। पीएम मोदी ने कहा कि अब हर भारतीय को ‘वोकल फॉर लोकल’ होना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आगाह किया कि विश्व अर्थव्यवस्था अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर रही है।
विश्व की अस्थिर अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे किसान, हमारे लघु उद्योग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका हित हमारे लिए सबसे ऊपर है। उन्होंने दुकानदारों से भी स्वदेशी माल बेचने की अपील की है। पीएम मोदी का यह बयान अमेरिका की ओर से करीब 70 देशों में टैरिफ लगाने के बाद आया है। व्हाइट हाउस के आदेश के अनुसार, भारत को अब अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर 25 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहा था। ट्रंप के बेबुनियाद बयान को लेकर राहुल गांधी ने भी हल्की टिप्पणी की है, जिसका खंडन किया है भाजपा ने।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत भी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लिहाजा भारत को भी अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग रहना ही है। हमारे किसान, हमारे लघु उद्योग, हमारे नौजवानों के रोजगार, इनका ही हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि पहले हमें स्वदेशी और वोकल फॉर लोकल पर ध्यान देना होगा। हमें यह प्रण करना होगा कि हम सिर्फ अपने देश में बना हुआ सामान खरीदें। देश में बने हुए सामानों का प्रयोग करें। अब नया सामान जब भी खरीदें, स्वदेशी सामान ही खरीदें।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी उद्योग को समर्थन देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर भारतीय, चाहे वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा का हो, पक्षपात से ऊपर उठकर स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मोदी के कहने की बात नहीं है, बल्कि हर भारतीय को यह कहना चाहिए। अगर हम चाहते हैं कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने, तो हर राजनीतिक दल और हर नेता को अपनी झिझक छोड़कर राष्ट्रहित में काम करना होगा। लोगों में स्वदेशी की भावना जगानी होगी। जय हिंद !