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यूएपीए अधिकरण ने खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पर लगा प्रतिबंध रखा बरकरार

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल की अध्यक्षता वाले गैर कानूनी गतिविधियां कानून अधिकरण ने केन्द्र सरकार द्वारा खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है।

09:53 AM Jan 09, 2020 IST | Desk Team

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल की अध्यक्षता वाले गैर कानूनी गतिविधियां कानून अधिकरण ने केन्द्र सरकार द्वारा खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है।

यूएपीए अधिकरण ने खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पर लगा प्रतिबंध रखा बरकरार
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दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल की अध्यक्षता वाले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून अधिकरण ने केन्द्र सरकार द्वारा खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है। अधिकरण ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि समूह की गतिविधियां ‘‘गैरकानूनी’’ और ‘‘विध्वंसकारी’’ हैं और ‘‘भारत की सम्प्रभुता, एकता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं।’’
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न्यायमूर्ति पटेल ने यह भी कहा कि साक्ष्यों से साबित होता है कि एसएफजे ‘‘भारत विरोधी समूहों और बलों के साथ काम कर रहा था।’’ अधिकरण ने कहा, ‘‘ऐसे में, केन्द्र सरकार के पास यूएपीए के तहत सिख्स फॉर जस्टिस को गैर कानूनी घोषित करने संबंधी कार्रवाई के लिए पर्याप्त कारण हैं।’’
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उसने कहा, ‘‘सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) को गैर कानूनी समूह घोषित करने संबंधी 10 जुलाई, 2019 की भारत सरकार की अधिसूचना की पुष्टि की जाती है।’’ केन्द्र ने 10 जुलाई, 2019 की अधिसूचना में एसएफजे को गैरकानूनी समूह घोषित करते हुए उस पर पांच साल के प्रतिबंध लगा दिया था।
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