'मोक्षदा एकादशी' के दिन ये 6 काम करने से नाराज हो जाएंगी तुलसी, जानें पूजा विधि
Mokshada Ekadashi 2025: सनातन धर्म में मोक्षदा एकादशी को बहुत खास माना जाता है। यह इस साल की सबसे पवित्र एकादशियों में से एक मानी गई है। मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए एकादशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए पूजा करते समय पूरे विधि-विधान का पालन करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी जी अति प्रिय हैं। इसलिए इस दिन तुलसी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी के दिन न करें ये गलतियां
मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। वरना पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद नहीं मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी से जुड़ी किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

Tulsi Mistakes on Ekadash: तुलसी से जुड़ी गलतियां
- मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन देवी तुलसी विश्राम अवस्था में होती हैं।
- अगर आप भगवान विष्णु जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो पत्ते एक दिन पहले तोड़कर रख सकते हैं।
- हर दिन तुलसी को जल देना शुभ माना जाता है, लेकिन एकादशी के दिन तुलसी पर जल अर्पित नहीं किया जाता है। इसकी जगह दीपक जलाना और फूल चढ़ाना ज्यादा शुभ माना जाता है।
- सुबह जल्दी उठकर कम रोशनी में तुलसी को छूना या हिलाना बहुत अशुभ माना गया है। जब तक सूर्य प्रकाश न हो, तुलसी को छूने से परहेज़ करना चाहिए।
- कुछ लोग पूजा स्थान पर रखी तुलसी माला को साफ करने के लिए तोड़ देते हैं, लेकिन एकादशी के दिन ऐसा करना एक बड़ा दोष माना गया है। माला को पूरी श्रद्धा से पूजा स्थान पर रहने दें।
- हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार, तुलसी के पास किसी भी तरह का गलत शब्द बोलना, गुस्सा करना या झगड़ा करना अत्यंत अपवित्र माना जाता है। इससे पूजा का फल कम हो जाता है और जीवन से सुख-समृद्धि चली जाती है।

एकादशी के दिन क्या करें
इस दिन श्री हरि नाम जप करना चाहिए। प्रसाद में भगवान विष्णु जी को खीर या पंचामृत चढ़ाएं और तुलसी की परिक्रमा जरूर करें। इन बातों को अमल करने से भगवान विष्णु और माता तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Tulsi ki Puja Kaise Kare: मोक्षदा एकादशी पूजा विधि

एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ एवं सादे वस्त्र पहनें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें। पूजा शुरू करते ही सबसे पहले विष्णु भगवान का जल एवं पंचामृत से अभिषेक करें। उसके बाद उन्हें फूल, माला, गंध, पीला चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। फल, मिठाई और भोग लगाने के बाद जल चढ़ाएं। अब घी का दीपक और धूप जलाकर श्री विष्णु मंत्र, चालीसा तथा मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का विधिवत पाठ करें।
अंत में भगवान विष्णु की आरती उतारें और किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना मागें। पूरे दिन व्रत पालन करने के बाद अगले दिन स्नान कर पुनः विष्णु जी की पूजा करें और विधि-विधान से व्रत का पारण करें।
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