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मोरबी ब्रिज हादसा : मरम्मत के नाम पर सिर्फ रंग-रोगन, ठेका लेने वालों के पास नहीं थी योग्यता

गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे ने देश को हिलाकर रख दिया। रविवार की शाम हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। केबल ब्रिज की रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी के पास है।

03:12 PM Nov 02, 2022 IST | Desk Team

गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे ने देश को हिलाकर रख दिया। रविवार की शाम हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। केबल ब्रिज की रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी के पास है।

मोरबी ब्रिज हादसा   मरम्मत के नाम पर सिर्फ रंग रोगन  ठेका लेने वालों के पास नहीं थी योग्यता
गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे ने देश को हिलाकर रख दिया। रविवार की शाम हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। केबल ब्रिज की रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी के पास है। घटना की जांच कर रहे सरकारी अधिकारियों ने कंपनी की कई गलतियों को आज कोर्ट के सामने रखा। प्रशासन ने कोर्ट से कहा है कि मोरबी ब्रिज की मरम्मत करने वाले ठेकेदार ऐसे काम करने के योग्य नहीं थे। इसके साथ ही मरम्मत के नाम पर सिर्फ ब्रिज के कैबल्स को पेंट और पॉलिश कर दिया था।
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नवीनीकरण के नाम पर सिर्फ पेंट और पॉलिश किए गए केबल
प्राथमिक जांच के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि ठेकेदार ने 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए फिर से खोलने से पहले सभी केबलों को पेंट और पॉलिश किया है। हमें अब तक यह पुष्टि करने के लिए कुछ भी नहीं मिला है कि उन खराब हो चुके केबलों में से कोई भी बदल दिया गया है। हम अब इस पहलू पर विस्तार से विचार कर रहे हैं।’
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पुलिस हिरासत में भेजे गए 4 आरोपी, न्यायिक हिरासत में 5 अन्य
प्रशासन ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि पुल के फर्श को बदल दिया गया था, लेकिन इसकी केबल को नहीं बदला गया था। इससे पुराना केबल बदले गए भारी फर्श का भार उठाने में सक्षम नहीं था। मोरबी कोर्ट ने मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना में 4 आरोपियों को 5 नवंबर, शनिवार तक पुलिस हिरासत में और अन्य 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है।
आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे वकील
मोरबी हादसे के जिम्मेदार आरोपियों के पैरवी करने से मोरबी बार एसोसिएशन ने इनकार कर दिया है। एसोसिएशन के सदस्यों ने बुधवार को विरोध मार्च निकाला। इससे एक दिन पहले उसने पुल टूटने के मामले में आरोपियों की पैरवी नहीं करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ए.सी. प्रजापति ने कहा, “मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने उनकी पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है। दोनों बार एसोसिएशनों ने यह प्रस्ताव पारित किया है।”
एक और वकील ने कहा, “एसोसिएशन के सभी वकील त्रासदी से बहुत दुखी हैं। नैतिकता के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। हम पुल गिरने में कई निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद, अदालत में किसी भी आरोपी का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।” वकील हमजा लकड़वा ने एसोसिएशन के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि वह खाप पंचायत की तरह व्यवहार कर रही है।
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