Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

म.प्र. में हार से हैरान कांग्रेस तलाश रही कारण, कमलनाथ दिल्ली दौरे पर

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के महज छह माह बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस सकते में है। इसके लिए पार्टी में मंथन का दौर जारी है और हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है। तमाम दिग्गज दिल्ली से लेकर भोपाल तक में सक्रिय हैं और बैठकों का दौर चल पड़ा है।

07:30 AM Jun 06, 2019 IST | Desk Team

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के महज छह माह बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस सकते में है। इसके लिए पार्टी में मंथन का दौर जारी है और हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है। तमाम दिग्गज दिल्ली से लेकर भोपाल तक में सक्रिय हैं और बैठकों का दौर चल पड़ा है।

भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के महज छह माह बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस सकते में है। इसके लिए पार्टी में मंथन का दौर जारी है और हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है। तमाम दिग्गज दिल्ली से लेकर भोपाल तक में सक्रिय हैं और बैठकों का दौर चल पड़ा है। राज्य में नवबंर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से 114 में कांग्रेस को जीत मिली थी, जिसके लगभग छह माह बाद अप्रैल- मई में हुए लोकसभा चुनाव में पूरी तस्वीर ही पलट गई। कांग्रेस यहां की 29 लोकसभा सीटों में से मात्र एक ही जीत सकी। 
Advertisement
कांग्रेस में सबसे ज्यादा हैरानी गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार को लेकर है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्रवार रिपोर्ट तलब की है और उसकी समीक्षा की जा रही है। साथ ही छह माह में मतदाताओं के रुख में बदलाव क्यों आया, इसका विश्लेषण किया जा रहा है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली के दौरे पर हैं। वे गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली में रहकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं से मुलाकात कर राज्य में कांग्रेस की स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं। 

लोगों ने माना कि पिछले पांच साल में दुनियाभर में भारत का बढ़ा कद : एस जयशंकर

मुख्यमंत्री और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के दिल्ली से भोपाल लौटने के बाद आठ जून को कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह मौजूद रहेंगे। विधानसभा चुनाव के मुकाबले अपेक्षित सफलता न मिलने पर कांग्रेस के भीतर निराशा का भाव बढ़ गया है। कार्यकर्ता और नेता अब भी हार से हताश हैं। राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने लोकसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को कहा कांग्रेस ने बेहतर से बेहतर उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। उसके बाद भी हार मिली। भाजपा जितनी सीटें जीतने की बात चुनाव से पहले कहती है, उतनी ही मिलती हैं, इसलिए गड़बड़ी की आशंका है। 
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो राज्य में कमलनाथ की सरकार आने के बाद किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ किया गया, बिजली बिल को आधा किया गया। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण फैसले हुए जिससे हर वर्ग को लाभ देने की कोशिश की गई, उसके बाद भी कांग्रेस विधानसभा जैसे नतीजे लोकसभा चुनाव में हासिल नहीं कर पाई। पार्टी तो 29 में से 15 सीटें जीतने की आस लगाए हुए थी। आखिर परिणाम पार्टी और सरकार की अपेक्षा के अनुरूप क्यों नहीं आए, यह अबूझ पहेली बन गया है, जिसे बूझने के लिए पार्टी ने मंथन शुरू कर दिया है। ज्ञात हो कि, राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114, भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस की सरकार निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायकों के समर्थन से चल रही है। 
Advertisement
Next Article